जम्मू, : वार्षिक तबादला अभियान यानि एटीडी के तहत शिक्षकों से तबादलों के लिए मांगे जाने वाले आवेदनों पर फैसला लेने के लिए शिक्षा विभाग ने कमेटी का गठन किया है। छह सदस्यीय यह कमेटी तबादलों में शिक्षकों के दिए गए ब्यौरे व तबादला चाहने के कारणों पर गौर करेगी और उसके आधार पर ही कमेटी अपना फैसला देगी। इस कमेटी की सिफारिश के आधार पर ही विभाग तबादले पर अपनी सहमति या असहमति की मुहर लगाएगा।
शिक्षा विभाग ने तबादलों के लिए वार्षिक तबादला अभियान शुरू किया है जो नए शिक्षा सत्र से पहले शिक्षकों से तबादले के आवेदन ले रहा है। इस आवेदन में शिक्षक अपनी मनचाही जगह पर तबादले के लिए आवेदन कर सकते हैं और वह कारण भी बता सकते हैं कि उनका तबादला क्यों किया जाए। यानि कि कई शिक्षक दूर दराज एवं दुर्गम इलाकों में वर्षों से बैठे हैं और ऐसे में उनका अधिकार बनता है कि उनका तबादला किसी बेहतर जगह किया जाए।
शिक्षक पति-पत्नी नजदीकी स्कूलों में तबादले के लिए आवेदन कर सकते हैं : इसके अलावा गंभीर बीमारियाें से ग्रस्त शिक्षक भी मेडिकल ग्राउंड पर तबादले के लिए आवेदन कर सकते हैं और वे महिला शिक्षक भी तबादला मांग सकती हैं जिनकी शादी कहीं और हो चुकी है। अगर पति व पत्नी दोनों शिक्षक हैं और तो वे भी एक साथ या एक दूसरे के नजदीकी स्कूलों में तबादले के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस कमेटी में शिक्षा निदेशक जम्मू, शिक्षा निदेशक कश्मीर, शिक्षा विभाग के वित्त निदेशक, शिक्षा विभाग के अंडर सेक्रेटरी और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।यह कमेटी आवेदनों की जांच कर अपना फैसला सुनाएगी।
अभी भी एटीडी के तहत तबादलों पर नहीं हुआ है अमल : शिक्षा विभाग अब तक एटीडी के तहत दो बार शिक्षकों से आवेदन मांग कर तबादले भी कर चुका है लेकिन उन तबादलों पर अमल नहीं हो पाया है। पहले फरवरी और उसके बाद सितंबर महीने में एटीडी के तहत दो सूचियां जारी हो चुकी है लेकिन इन सूचियों के जारी होने के बाद भी शिक्षकों को उनकी नई नियुक्त वाले स्कूलों में नहीं भेजा गया है।शिक्षकों में इस बात को लेकर भी विभाग के प्रति रोष है। उनका कहना है कि अब लोग हमारा मजाक उड़ाने लगे हैं कि आपका तबादला हो चुका है। आप इस स्कूल से कब जाओगे। शिक्षकों ने एटीडी को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने और उस पर जल्द कार्रवाही करने की मांग भी की है।