झांसी, । पुलिस सुरक्षा में झांसी जिले के कुख्यात अपराधी लेखराज यादव को छुड़ाने के आरोप में जेल में बंद समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 26 सितंबर से जेल में निरुद्ध पूर्व विधायक पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के बाद अब उनकी अपराध से अर्जित सम्पत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को करगुवांजी और भगवंतपुरा में जमीन कुर्क कर दी गयी है, जबकि वनगुवां में सोमवार को कार्यवाही की जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के बाद पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव की करगुवांजी, भगवंतपुरा व वनगुवां में 1.30 अरब रुपये की सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश दिए। एसएसपी राजेश एस. के प्रस्ताव पर जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी किए। इस आदेश के बाद बीते दिनों आरसी जारी कर दिया। आरसी के पालन में तहसीलदार (सदर) डॉ. लाल कृष्ण, एसपी (सिटी) राधेश्याम राय व सीओ (सिटी) राजेश राय के नेतृत्व में राजस्व विभाग व पुलिस बल की मौजूदगी में सम्पत्ति कुर्क करने की कार्यवाही की गई।
राजस्व व पुलिस टीम सबसे पहले करगुवांजी पहुंची। यहां पर विभिन्न गाटा नम्बर पर सम्मिलित खाते में दीपनारायण सिंह यादव के नाम लगभग 2 एकड़ के प्लाट को कुर्क कर दिया गया। इसके बाद टीम भगवंतपुरा पहुंची, जहां पर इतने ही क्षेत्रफल का आवासीय प्लाट सीज कर दिया गया।
तहसीलदार ने बताया करगुवांजी व भगवंतपुरा में आरसी के अनुसार आवासीय प्लाट को सीज किया गया है। शाम होने के कारण अब वनगुवां में सोमवार को सीज करने की कार्यवाही की जाएगी। इन तीनों स्थानों पर आवासीय प्लाट और जमीन की कीमत 1.30 अरब रुपये है, जबकि बाजार में इसकी कीमत और अधिक हो सकती है।
पहले हुई मुनादी, फिर की गई कुर्क
पुलिस व राजस्व टीम ने करगुवांजी व भगवंतपुरा में पहुंचकर पहले जिला मजिस्ट्रेट का आदेश पढ़कर सुनाया और मुनादी की गई। इसके बाद भूमि पर सम्पत्ति कुर्क करने का बोर्ड लगा दिया गया। इस दौरान नवाबाद थाना प्रभारी सुधाकर मिश्र व सीपरी थाना प्रभारी जेपी पाल के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
पूर्व विधायक के करीबी निशाने पर
सपा के पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह पर न्यायालय में पेशी पर आए लेखराज को छुड़ाने के विभिन्न थानों में 5 मुकदमे दर्ज होने के बाद गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। अब उनकी सम्पत्ति को कुर्क किया गया है। इस बीच, पूर्व विधायक के करीबी भी पुलिस व प्रशासन के निशाने पर हैं। पूर्व विधायक ने व्यापारियों व जमीन कारोबारियों के साथ मिलकर शेयर डाले थे, उनकी सूची बनायी जा रही है। जानकार बताते हैं कि कई कारोबारियों ने उनके साथ व्यावसायिक रिश्ते बन्द कर दिए हैं, लेकिन अभी भी यह करीबी व कारोबारी पुलिस के निशाने पर हैं।