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Jharkhand : पूर्व सीएम रघुवर का हेमंत पर हमला, बोले-ईडी जांच से क्यों डर गए हेमंत सोरेन


जमशेदपुर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन के बाद वह गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यदि मेरी ओर से कोई अपराध किया गया है तो फिर समन और नोटिस क्यों भेजे जा रहे हैं, आओ और मुझे गिरफ्तार कर लो।

अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ईडी के समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो कुछ कहा है वह उनके डर, अहम और अहंकार को दर्शाता है। इसी तरह की हुंकार कभी लालू यादव बिहार में भरा करते थे। उनका क्या नतीजा हुआ, यह किसी से छिपा नहीं है। जब हेमंत सोरेन ने कोई गलत काम नहीं किया है, तो उन्हें डर किस बात का है। एक तरफ वो संवैधानिक संस्था ईडी को सार्वजनिक रूप से धमका रहे हैं, दूसरी तरफ वो उसी संस्था से तीन सप्ताह का समय भी मांग रहे हैं।

संवैधानिक संस्थाओं को धमकाते हैं भ्रष्ट नेता

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे नेताओं पर कानून का शिकंजा कसता है, तब वो संवैधानिक संस्थाओं को धमकाने का काम करते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भूल रहे हैं कि हमारे देश में लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं। कानून को कानून की तरह काम करने देना चाहिए। बेहतर तो यही होता कि मुख्यमंत्री ईडी को धमकाने के बजाय उसके सामने जाकर अपना पक्ष रखते। इसी तरह नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पूरी कांग्रेस पार्टी हो हल्ला मचा रही थी। आखिरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कानून के सामने जाना ही पड़ा।

परिवार की पार्टी नहीं भाजपा

लगे हाथों कांग्रेस व राजद पर भी हमला बोलते हुए रघुवर दास ने कहा कि कांग्रेस, झामुमो और राजद की तरह भाजपा परिवार की पार्टी नहीं है कि हेमंत सोरेन भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकायेंगे और वो डर जायेंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं के संघर्ष की वजह से ही केंद्र सहित देश के कई राज्यों में आज भाजपा की सरकार है। झारखंड में कार्यरत अधिकारियों को निष्पक्ष होकर काम करने की जरूरत है। न पक्ष, न विपक्ष उन्हें निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए।

आम आदिवासी को आज भी कोई लाभ नहीं मिला

हेमंत सोरेन को अपना यह आक्रोश आदिवासी बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न पर दिखाना चाहिए। तब वो मौन रहते हैं। खुद को भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होने पर उन्हें आदिवासी समाज याद आता है। आदिवासी समाज का उत्थान विकास से होगा, न कि हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार से। भ्रष्टाचार से सोरेन परिवार का तो उत्थान हो सकता है, लेकिन आम आदिवासी को इससे कोई लाभ नहीं मिलनेवाला है।