धनबाद : विधानसभा में हेमंत सरकार के बहुमत साबित करने के बावजूद महागठबंधन के विधायक अभी राजधानी नहीं छोड़ेंगे। जब तक पूरी तस्वीर साफ नहीं होगी, झामुमो-कांग्रेस-राजद विधायक राजधानी रांची में एक साथ रहेंगे। महागठबंधन के विधायकों में सेंधमारी करने की कोशिश सफल नहीं हो, इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं कांग्रेस नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है। विधानसभा में सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो के सचेतक एवं टुंडी के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने बताया कि तीन विधायकोंं के कोलकाता में होने के बावजूद सरकार के समर्थन में 48 विधायकों ने वोट देकर साबित कर दिया कि महागठबंधन एकजुट और हेमंत सोरेन के साथ है। भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक कमलेश सिंह ने भी सरकार का समर्थन किया है।
विधानसभा में आज विश्वास मत प्राप्त करने से स्पष्ट हो गया कि सरकार को बहुमत प्राप्त है। राज्यपाल को अब बिना देर किए अपना फैसला सुनाना चाहिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यदि सदस्यता समाप्त करने का ही फैसला है, तो वही सुना दे। राज्यपाल के फैसला नहीं सुनाने से राज्य में ऊहापोह की स्थिति है। विकास कार्य बाधित है। विधायक मथुरा ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त करने में लगी रहती है। पैसे के बल पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर देश के कई राज्यों में पिछले दरवाजे से सरकार बना चुकी है। झारखंड में भी यह कोशिश की जा रही है।
इसे महागठबंधन एकजुट होकर विफल कर रहा है। विधानसभा में संख्या बल नहीं होने के कारण भाजपा ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। भाजपा ने अभी मैदान नहीं छोड़ा है। राष्ट्रपति शासन लागू करने की भी साजिश चल रही है। भाजपा की हर साजिश का डटकर मुकाबला महागठबंधन करेगा। आदिवासियों एवं मूलवासियों की सरकार को गिराने की साजिश रचने का जवाब 2024 के चुनाव में झारखंड की जनता भाजपा को देगी।