बता दें कि हेमंत सोरेन ने आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। विश्वास मत से पहले सीएम हेमंत सोरेन यूपीए विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे। उसके वाद वोटिंग हुई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विश्वास मत हासिल करने के लिए विशेष सत्र बुलाना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि पार्टी लाभ के पद के मुद्दे पर सोरेन का इस्तीफा मांगेगी।
हेमंत सोरेन ने बताया, क्यों बुलाया गया सत्र
इस मौके पर सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमने यह सत्र बुलाया। सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्य विधानसभा में भाजपा पर आरोप लगाया। सोरेन ने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रही है। सोरेन ने विधानसभा में आगे कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें नहीं हैं वहां वह लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने के प्रयास कर रही है।
सदन के बाहर और अंदर, दोनों जगह दिखा रहे ताकत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन के अंदर कहा कि हम सदन के बाहर भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं। सदन के अंदर भी ताकत दिखा रहे है। इससे पहले रायपुर से आए सभी यूपीए विधायकों को विशेष बस में सर्किट हाउस से लेकर विधानसभा लाया गया था। सभी विधायकों को विधानसभा में अंदर लाया गया, जिस गेट से मुख्यमंत्री खुद जाते हैं। दरअसल विधानसभा में दो गेट है एक गेट से मुख्यमंत्री दूसरे गेट से आम विधायक जाते हैं लेकिन आज यूपीए के सभी विधायकों को उस गेट से ले जाया गया, जहां से मुख्यमंत्री जाते हैं। विश्वास प्रस्ताव लाने के चलते सभी विधायकों को मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे।
81 सदस्यीय सदन में वर्तमान में सबसे बड़ी पार्टी झामुमो
झारखंड में सत्तारूढ़ यूपीए गठबंधन के करीब 30 विधायक सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए रायपुर से रविवार दोपहर को रांची वापस आए थे। ये विधायक 30 अगस्त से रायपुर के पास एक रिसॉर्ट में डेरा डाले हुए थे। हेमंत सोरेन सरकार को 49 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। 81 सदस्यीय सदन में वर्तमान में सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के 26 विधायक हैं। इस बीच सोरेन की विधायकी जाने के बीच सुगबुगाहट तेज हो गई थी।