नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकी जहूर अहमद राठेर को अनंतनाग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राठेर पर कुल गाम में बीते साल तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप है। इसके अलावा कुलगाम में एक पुलिसकर्मी की हत्या का भी आरोप है, राठेर को पूछताछ के लिए कश्मीर लाया गया है।
जहूर अहमद राठेर पर बीजेपी के तीन कार्यकर्ता फिदा हुसैन यातू, उमर राशिद बेग और उमर रमजान हजम हत्या का कनेक्शन है, इन तीनों बीजेपी कार्यकर्ताओं की कुलगाम में बीते साल 29 अक्टूबर को हत्या हुई थी। इन तीनों की इसके अलावा कुलगाम में ही एक पुलिसकर्मी की हत्या में शामिल होने का आरोप है।
साल 2002 में ज्वाइन किया था हिजबुल मुजाहिदीन
अनंतनाग के डोरू का रहने वाला जहूर अहमद राठेर ने साल 2002 में हिजबुल मुजाहिदीन ज्वाइन किया था। इसके बाद वो पीओके भी गया और वहां ट्रेनिंग ली। राठेर ने 2004 में पीओके में ट्रेनिंग ली थी और साल 2006 में उसने सरेंडर किया था।
बीते साल फिर से उसने पुलिस और नेताओं की हत्या करनी शुरू कर दी थी। एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सांबा में पुलिस ने टीआरएफ के आतंकी जहूर अहमद राठेर उर्फ साहिल उर्फ खालिद को गिरफ्तार किया है। वह सांबा में छिपा हुआ था। पुलिस ने सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया।
मोबाईल स्पेस का इस्तेमाल कर रहे आतंकि
इसके अलावा भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती कड़ी करने से आतंकी खौफ में है। सुरक्षा बलों की चौकसी बढ़ाने से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और आतंकवादी समूह अब साइबर और मोबाईल स्पेस का इस्तेमाल कर आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोसिस में जुटे है और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं। दरअसल सीमा पर बढ़ते सुरक्षा के चलते आतंकी संगठन आपस में आमने-सामने संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल अधिकारियों ने बताया कि खुफिया सूचनाओं और तकनीकी निगरानी पता चला है कि नये लोगों को आतंकी संगठन में शामिल करने के लिए उनकी भावनाओं को भड़काने के लिए झुठे वीडियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे पाकिस्तान के आईएसआई हैंडलर सुरक्षा बलों द्वारा किए गए अत्याचारों के फर्जी वीडियो के लोगों तक पहुंचा रहे हैं।