श्रीनगर, : दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ के दौरान छिपे आतंकियों के ठिकाने का पता लगाने वाले आर्मी डाग जूम ने आखिरकार वीरवार दोपहर को दम तोड़ दिया। वह आतंकियों की गोलियों को घायल हो गया था। उसका 54 AFVH (एडवांस फील्ड वेटरनरी हास्पिटल) में इलाज चल रहा था। हालांकि जूम करीब पौने बारह बजे तक अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा था, जिससे उसके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन पंद्रह मिनट बाद ही करीब 12 बजे वह दम तोड़ दिया। उसे सेना की ओर से पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि बीते रविवार की रात से ही अनंतनाग में मुठभेड़ जारी थी। सेना आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई तो कर रही थी, लेकिन उसके सही ठिकाने का कुछ पता नहीं चल पा रहा था। यह भी पता नहीं चल रहा था कि कितने आतंकी छिपे हैं। ऐसे में सेना ने अपने जांबाज डॉग ‘जूम’ को कैमरे के साथ मैदान-ए-जंग में उतार दिया था। फिर गोलीबारी के बीच ‘जूम’ आतंकियों की मांद तक पहुंच गया। इससे दो आतंकी कमांडरों को अपनी जान बचाना मुश्किल हो गया। आतंकियों ने जूम पर गोलियां दाग दीं। दो गोली खाकर जूम जख्मी हो गया था िफिर भी वह डटा रहा। इसी दौरान सैन्यकर्मियों ने आतंकियों का काम तमाम कर दिया।
जूम की जांबाजी से दो आतंकी हुए थे ढेर
करीब 10 घंटे तक जारी मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के हिट स्कायड द रजिस्टेंस फ्रंट के दो कमांडर आसिफ अहमद उर्फ हुबैब व वकील अहमद उर्फ तल्हा मारे गए थे। दो सैन्यकर्मी भी जख्मी हुए थे। इस मुठभेड़ में जिस आमी डाग जूम को आतंकरोधी अभियान में शामिल किया गया था, उसे विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। मेरठ में भी उसे विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। उसे गोलीबारी के बीच आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाकर उन पर हमला करने में दक्ष किया गया था।