- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में आतंकवाद रोधी पाठ्यक्रम को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने फैसले का समर्थन किया है। धर्मेंद्र प्रधान ने इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए जेएनयू की भी सराहना की है। धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘ऐसे कोर्स को शुरू करने के लिए जेएनयू की सराहना होनी चाहिए और मैं इसके लिए कुलपति जगदीश कुमार को बधाई देता हूं।’
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सवाल किया कि ‘जब एमआईटी जैसे शीर्ष वैश्विक संस्थान आतंकवाद और आतंकवाद निरोधक विषयों पर चर्चा कर सकते हैं तो एक केंद्रीय विश्वविद्यालय आतंकवाद विरोधी उपायों पर चर्चा क्यों करते हैं।’ प्रधान ने कहा, ‘हाल ही में संसद के एक सहयोगी ने मुझे पत्र लिखकर पूछा कि जेएनयू ने आतंकवाद पर एक पाठ्यक्रम क्यों शुरू किया है। साथियों, कुछ समय पहले, जब मैं अमेरिका में था। मुझे वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा आतंकवाद के बारे में जानकारी दी जा रही थी। उस ब्रीफिंग के दौरान मुझे पता चला कि आतंकवादियों ने अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए तकनीक और साइबर वेयरहाड को अपनाया है।’
बता दें कि जेएनयू में आतंकवाद रोधी पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। जेएनयू की अकादमिक काउंसिल ने गुरुवार को आतंकवाद रोधी पाठ्यक्रम को मंजूरी दी थी। जेएनयू प्रशासन के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र आंतकवाद के इस नए अध्याय की पढ़ाई करेंगे। इसी में नया पाठ्यक्रम काउंटर टेररिज्म, एसिमेट्रिक कनफ्लिक्ट एंड स्ट्रैटेजिक फार कारपोरेशन एमांग मेजर पावर शामिल किया गया है। इस पाठ्यक्रम के जरिए छात्रों को आतंकवाद से निपटने के तरीकों और तकनीकी भूमिका की जानकारी दी जाएगी। लेकिन शिक्षकों और छात्रों का एक वर्ग इस पाठ्यक्रम की सामग्री को लेकर नाखुश है और इसकी आलोचना कर रहा है।