नई दिल्ली, : हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। कैलेंडर के अनुसार, साल में 24 एकादशी पड़ती हैं जिसमें हर माह पहली शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में एकादशी पड़ती है। हिंदू वर्ष के पहले माह पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। माना जाता है कि कामदा एकादशी के दिन व्रत रखने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से हजारों वर्ष की तपस्या के समान फलों की प्राप्ति होती है। जानिए कामदा एकादशी का मुहूर्त, पूजा विधि
कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ- 12 अप्रैल, मंगलवार, सुबह 4 बजकर 30 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त- 13 अप्रैल, बुधवार, सुबह 5 बजकर 2 मिनट में समाप्त
सर्वार्थ सिद्धि योग- 12 अप्रैल सुबह 5 बजकर 59 मिनट से लेकर 13 अप्रैल सुबह 8 बजकर 35 मिनट तक।
पारण का समय- 13 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 39 मिनट से 4 बजकर 12 मिनट तक
कामदा एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह उठकर हर काम से निवृत्त होकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद भगवान विष्णु का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। सबसे पहले एक चौकी में पीला रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें। इसके बाद भगवान को हल्दी, अक्षत, चंदन, फूल आदि चढ़ा दें इसके बाद पंचामृत, तुलसी जल चढ़ाएं। इसके बाद भोग अर्पित करें। फिर घी का दीपक, धूप जलाकर एकादशी की कथा का पढ़कर आरती कर लें। इसके साथ ही शाम के समय तुलसी माता के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं।