नई दिल्ली, । कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों में विवाद का केंद्र बने हिजाब विवाद (Hijab Row) पर आज हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया है। हिजाब मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय का कहना है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। उन्होंने कहा कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई केस नहीं बनता है। वहीं, हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी है।
कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर ओवैसी ने उठाए सवाल
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 15 की अवहेलना करता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है लेकिन इसका निर्णय कौन करेगा? इस फैसले के ख़िलाफ हम इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इस फैसले से नकारात्मक असर होगा और जगह-जगह मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाएगा। संविधान में विवेक की स्वतंत्रता के तहत हमें इजाजत है कि अपना हिजाब भी पहनू और शिक्षा भी हासिल करूं।
हाईकोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है- महबूबा मुफ्ती
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है। एक तरफ हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं, फिर भी हम उन्हें एक साधारण विकल्प के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। यह सिर्फ धर्म के बारे में नहीं है बल्कि ये चुनने की स्वतंत्रता है।