रुद्रप्रयाग : बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 6:25 बजे खोल दिए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। मंंदिर की दस क्विंटल फूलों के साथ ही लाइटिंग से भव्य सजावट की गई है। पहले दिन दर्शनों के लिए 15 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ धाम व यात्रा पड़ावों पर पहुंच चुके हैं।
Kedarnath Door opening Live Update :
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अब तक 653963 श्रद्धालु करा चुके पंजीकरण
चारधाम यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। चारधाम सहित श्री हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए अब तक 653963 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं। केदारनाथ धाम दर्शन के लिए सबसे ज्यादा 226173 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया।
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कपाट खुलने पर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वीरभद्र में किया दुग्धाभिषेक
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर वित्त व संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। इस मौके पर प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश में भगवान वीरभद्र मंदिर में दुग्धाभिषेक कर प्रसाद वितरित किया।
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कपाट खुलने के अवसर पर ये लोग रहे मौजूद
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पंकज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल, वीरेंद्र असवाल, मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।
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केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी। कहा कि केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली दो मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए पाचं मई की शाम को धाम पहुंची थी। शुक्रवार छह मई को धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुल गए।