- नई दिल्ली, । बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट हो गई है। पशुपति कुमार पारस सर्वसम्मति से लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता चुने गए हैं। लोजपा के छह में से पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है। सूत्रों के मुताबिक आज दोपहर 3 बजे सांसद लोकसभा अध्यक्ष से मिलेंगे। इसी मसले पर पशुपति कुमार पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं पार्टी को तोड़ नहीं, उसे बचा रहा हूं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान से मुझे कोई शिकायत नहीं है और वह चाहें तो पार्टी में रह सकते हैं। इससे पहले नाराज चाचा को मनाने के लिए चिराग पासवान पार्टी के सांसद और चाचा पशुपति कुमार पारस के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे, लेकिन मुलाकात संभव नहीं हो सकी।
इससे पहले पशुपति पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध डाला और 99 फीसद कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया। हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं। 5 सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है इसलिए पार्टी को बचाया जाए। मैं पार्टी तोड़ा नहीं हूं पार्टी को बचाया हूं। इन पांचों सांसदों का नेतृत्व राम विलास पासवान के छोटे भाई और हाजीपुर से सांसद पशुपति नाथ पारस कर रहे हैं। बागी पांचों सांसदों पशुपति पारस, प्रिंस पासवान, वीणा सिंह, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर के जेडीयू में शामिल होने की भी चर्चा है। इसके साथ लोकसभा में चिराग अकेले पड़ जाएंगे।
लोजपा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नया नेता चुना है, जो वर्तमान में बिहार में हाजीपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा, ‘लोजपा सांसदों ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें पार्टी में नए घटनाक्रम के बारे में एक पत्र सौंपा। उन्होंने उनसे पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नया नेता मानने का अनुरोध किया है।’