नई दिल्ली। देश में पिछले 15 वर्षों में चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वाच द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।
पोर्ट के अनुसार 2009 से 2024 तक लोकसभा चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों की संख्या में 104 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2024 के चुनाव में उतरे 8,337 उम्मीदवारों द्वारा चुनाव पूर्व दिए गए हलफनामों का विश्लेषण कर एडीआर ने कई जानकारियां दी हैं।
सबसे अधिक महिला उम्मीदवार भाजपा से
महिला उम्मीदवारों को मौका देने के मामले में इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख पार्टियों में सबसे आगे है। भाजपा के 440 उम्मीदवारों में से 69 महिलाएं हैं। यह उसके कुल उम्मीदवारों का 16 प्रतिशत है। वहीं कांग्रेस 327 उम्मीदवारों में से 41 महिलाओं (13 प्रतिशत) के साथ दूसरे स्थान पर है।
छोटे दलों ने भी महिलाओं को दिया मौका
तुलनात्मक रूप से छोटे दलों का प्रदर्शन इस मामले में प्रमुख पार्टियों से बेहतर देखा गया। तमिलनाडु के नाम तमिलर काची दल के 40 में से 20 उम्मीदवार महिलाएं हैं। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रत्येक में 40 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं।
43 प्रतिशत बढ़ी दोबारा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की संपत्ति
विश्लेषण के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में फिर से मैदान में उतरने वाले 324 सांसदों की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में औसतन 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2019 में इन सांसदों की औसत संपत्ति लगभग 21.55 करोड़ रुपये थी, जबकि मौजूदा चुनाव में औसत संपत्ति बढ़कर 30.88 करोड़ रुपये हो गई है। यह पिछले पांच वर्षों में 9.33 करोड़ रुपये की वृद्धि को दर्शाता है।
तीन हजार से अधिक निर्दलीय उम्मीदवार
एडीआर के अनुसार 8,360 उम्मीदवारों में से सबसे ज्यादा हिस्सेदारी निर्दलीय उम्मीदवारों (3,915) की है। इसके बाद पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों से 2,580 उम्मीदवार मैदान में हैं। राष्ट्रीय पार्टियों से 1,333 उम्मीदवार वहीं राज्य पार्टियों से 532 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवार
चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के एक बड़े हिस्से के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। मैदान में उतरे 440 भाजपा उम्मीदवारों में से 191 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। वहीं कांग्रेस के 327 में 143 (44 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
समाजवादी पार्टी के कुल 71 उम्मीदवारों में से 40 पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। भाकपा के 52 उम्मीदवारों में से 33 ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। तृणमूल कांग्रेस के 48 में से 20 उम्मीदवारों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले बताए हैं।
दो प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी महिला उम्मीदवारों की संख्या
लोकसभा चुनाव लड़ने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या में 15 वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई। कुल उम्मीदवारों में महिला उम्मीदवारों की हिस्सेदारी 2009 में सात प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 9.6 प्रतिशत हो गई है। इस साल 8,337 उम्मीदवारों में से 797 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं।