मुंबई और रायगढ़ में हाई अलर्ट
संदिग्ध नाव सुबह आठ बजे स्थानीय लोगों ने देखी। उन्होंने पुलिस को सूचित किया। स्थानीय तहसीलदार व पुलिस ने नाव के पास जाकर देखा तो उन्हें एक बाक्स में एके47 राइफलें और कुछ जिंदा कारतूस रखे दिखाई दिए। नाव का पंजीकरण ब्रिटेन का बताया जा रहा है, जबकि नाव में रखे एके-47 के बाक्स पर ओमान की किसी कंपनी का नाम लिखा है। पुलिस अनुमान लगा रही है कि भारतीय समुद्री सीमा के बाहर कहीं इस नाव को लंगर डालकर खड़ा किया गया होगा। जहां से मानसूनी हवाओं के कारण यह बहकर मुंबई के निकट आ गई है, लेकिन पुलिस नाव को लेकर किसी आतंकी साजिश से इनकार नहीं कर रही है। मुंबई और पड़ोसी रायगढ़ जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस संदिग्ध नावों के बारे में और जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
मुंबई में पहले भी हो चुके हैं आतंकी हमले
एजेंसी के मुताबिक, महाराष्ट्र में वीरवार को हरिहरेश्वर बीच के पास एक संदिग्ध नाव मिलने के बाद रायगढ़ जिले और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस मामले की जांच चल रही है। महाराष्ट्र एटीएस की टीम रायगढ़ के लिए रवाना हो गई है, जहां हरिहरेश्वर बीच पर हथियारों के साथ एक संदिग्ध नाव मिली है। आतंकी साजिश की आशंका जताई जा रही है। मुंबई में पहले भी आतंकी हमले हो चुके हैं। जिनमें सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।
नाव में मिले हथियार
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, हरिहरेश्वर बीच पर एक अज्ञात नाव और रायगढ़ जिले के भारदखोल में बोट मिली। जिस पर कोई मौजूद नहीं है। तटरक्षक बल और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड को इसकी सूचना दे दी गई है। पुलिस विभाग आवश्यक कार्रवाई कर रही है। आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, रायगढ़ के हरिहरेश्वर बीच पर मिली संदिग्ध नाव पर हथियार मिले हैं।
विधायक ने कहा, स्पेशल टीम नियुक्त हो
रायगढ़ के विधायक अदिति तटकरे के मुताबिक, प्राथमिक जानकारी के अनुसार रायगढ़ के श्रीवर्धन के हरिहरेश्वर और भारदखोल में हथियार और दस्तावेज वाली कुछ नावें मिली हैं। स्थानीय पुलिस कर रही है जांच, मैंने सीएम-डीई सीएम से मांग की है कि एटीएस या स्टेट एजेंसी की स्पेशल टीम तत्काल नियुक्त करें।
2008 मुंबई आतंकी हमले में 300 लोगों की गई थी जान
26 नवंबर, 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में करीब 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस हमले में शामिल लश्कर के आतंकी समुद्र रास्ते के जरिए आए थे। इनमें से नौ आतंकी मारे गए थे। अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। 21 नवंबर, 2012 को कसाब को फांसी पर लटका दिया गया था।