, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती विधानसभा सीट की खूब चर्चा हो रही है। इसकी वजह है कि लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर पवार फैमिली के दो सदस्य आमने-सामने आ चुके हैं। दरअसल, एनसीपी (शरद पवार गुट) की ओर से युगेंद्र पवार अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। वो अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं।
बारामती में चाचा-भतीजे की लड़ाई
साल 1993 से ही अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल करते आए हैं। चाचा को इस बार मात देना युगेंद्र पवार के लिए एक बड़ी चुनौती है। हालांकि, युगेंद्र पवार कई बार चुनावी रैलियों में यह बात दोहरा चुके हैं कि बारामती की जनता शरद पवार के साथ है।
अजित पवार ने किया जीत का दावा
इसी बीच अजित पवार ने बारामती सीट से जीत को लेकर एक बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में महायुति को 175 सीटें मिलेगी। वहीं बारामती सीट पर वो 1 लाख वोटों से चुनाव जीतेंगे। बता दें कि 20 नवंबर को महाराष्ट्र में चुनाव होना है।
लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी को मिली थी हार
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बारामती सीट पर अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, चुनाव में सुनेत्रा पवार को हार का सामना करना पड़ा था।
40 विधायकों के साथ अजित ने चाचा के खिलाफ खोला था मोर्चा
बताते चलें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार 40 विधायकों के साथ बागी हो गए थे। 54 विधायकों वाली एनसीपी पार्टी एक झटके में दो हिस्सों में बंट गई। वहीं, (एनसीपी ) अजित गुट भी भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ सरकार में शामिल हो गई। अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस के साथ राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया।