14 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। यह हर वर्ष मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीहरि एवं माता लक्ष्मी की पूजा-उपासना की जाती है। दिनभर उपवास और रात में फलाहार किया जाता है। एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इसकी महत्ता धार्मिक ग्रंथों में निहित है। शास्त्रों की मानें तो एकादशी व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत के कई कठोर नियम भी है। शास्त्रों में इन नियमों का पालन करना अनिवार्य बताया गया है। आइए जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी के दिन किन कार्यों को करने की मनाही है– शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही है। इसके लिए मोक्षदा एकादशी के दिन चावल का सेवन बिल्कुल न करें।
-तामसिक भोजन वर्जित है। मोक्षदा एकादशी के दिन लहसुन, प्याज युक्त चीजें खाने की मनाही है। साथ ही नॉन वेज चीजों का भी सेवन न करें। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों के सेवन से कामेच्छा बढ़ती है। इससे व्रत भंग होता है।
-पंडितों का कहना है कि एकादशी के दिन बैंगन का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
-एकादशी के दिन सोमरस का सेवन बिल्कुल न करें। आसान शब्दों में कहें तो मदिरा या शराब का सेवन न करें।
एकादशी के दिन सेम खाने की भी मनाही है। इसके लिए सेम भी न खाएं।
-एकादशी व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः सात्विक भाव से एकादशी का व्रत करना श्रेष्ठकर होता है।
क्या करें
एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है। इसके लिए मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। एक चीज का ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा पूर्व की दिशा में लगाएं।
-एकादशी को गेंदे का फूल लगाना भी शुभ होता है। साधक घर के उत्तर दिशा में गेंदे का फूल लगा सकते हैं।
-धार्मिक मान्यता है कि आंवले के पौधे में भगवान विष्णु जी वास करते हैं। अतः मोक्षदा एकादशी के दिन घर पर आंवले का पौधा लगाएं