सरकार अब दो विकल्पों की तलाश कर रही है- गडकरी
राज्यसभा में नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार अब दो विकल्पों की तलाश कर रही है। सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से घटाया जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट के माध्यम से है। उन्होंने कहा कि हम सैटेलाइट का इस्तेमाल करते समय फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की प्रक्रिया में हैं और जिसके आधार पर हम टोल लेना चाहते हैं। नंबर प्लेट पर भी तकनीक उपलब्ध है और भारत में अच्छी तकनीक उपलब्ध है।
टोल नहीं देने वालों के लिए लाना होगा कानून- गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम प्रौद्योगिकी का चयन करेंगे। हालांकि, हमने आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है, लेकिन मेरे विचार में नंबर प्लेट प्रौद्योगिकी पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा और एक परिष्कृत कम्प्यूटरीकृत डिजिटल प्रणाली होगी, जिसके द्वारा हम राहत दे सकते हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि कोई कतार नहीं होने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा हमें संसद में एक बिल लाने की जरूरत है, क्योंकि अगर कोई टोल नहीं दे रहा है तो उन्हें दंडित करने के लिए अभी तक कोई कानून उपलब्ध नहीं है।
समय की जरुरत है नया कानून- नितिन गडकरी
गडकरी ने कहा कि वे टोल वसूली के लिए सबसे अच्छी तकनीक का चयन करने की प्रक्रिया में हैं और संसद में एक महत्वपूर्ण कानून भी लाएंगे। नई व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि छह महीने के भीतर मैं इसे करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करूंगा, क्योंकि यह समय की जरूरत है। यह देश के लोगों के लिए और यातायात की समस्या से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है। जल्द ही टोल वसूली को लागू किया जाएगा।
टोल राजस्व एक दिन में 120 करोड़ रुपये तक बढ़ा- नितिन गडकरी
गडकरी ने कहा कि नई तकनीक के साथ नंबर प्लेट पेश की गई हैं और निर्माता के लिए नई नंबर प्लेट होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एक कम्प्यूटरीकृत प्रणाली होगी, जिसके द्वारा कोई भी नए आफ्टवेयर का उपयोग करके टोल एकत्र कर सकता है। उन्होंने कहा कि टोल वाले राजमार्गों पर चलने वाली कार के सटीक समय के लिए टोल देना होगा और केवल इतना ही टोल खाते से घटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जल्द से जल्द टोल प्लाजा की समस्या का समाधान निकालेंगे। गडकरी ने यह भी बताया कि फास्टैग की शुरुआत के देश में उल्लेखनीय योगदान में से एक है, टोल राजस्व एक दिन में 120 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि अब तक 5.56 करोड़ फास्टैग जारी किए जा चुके हैं और इसकी पहुंच 96.6 प्रतिशत है।