28 राज्यों और आठ केंद्रशासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश इन तीन सालों में 628 गिरफ्तारियों के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद तमिलनाडु में 613, केरल में 552, आंध्र प्रदेश में 387 गिरफ्तारियां हुई हैं।
मणिपुर से 23 लोगों को किया गया गिरफ्तार
ऐसे मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या उत्तर-पूर्वी राज्यों में बहुत कम थी। हालांकि, असम में 351 गिरफ्तारियां की गईं, जबकि मणिपुर से 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया। तेलंगाना, गुजरात और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में मामले सामने आए थे। गोवा उन राज्यों में से एक था जहां 2018 और 2020 के बीच समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आधार पर केवल दो गिरफ्तारियां दर्ज की गईं।
केंद्रशासित प्रदेशों से नहीं हुईं एक भी गिरफ्तारियां
इन तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में कुल 34 गिरफ्तारियां की गईं जबकि 31 ऐसी गिरफ्तारियां दिल्ली से की गईं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार लद्दाख, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेशों से एक भी गिरफ्तारी नहीं हुईं।
एनआईए ने दर्ज किए 17 मामले
मामलों को दर्ज करने के संदर्भ में राय ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2017 और 29 जुलाई 2022 के बीच धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में 17 मामले दर्ज किए। इन 17 मामलों में से एनआईए ने 2017 में एक मामला, 2018 में चार, 2019 में दो, 2020 और 2021 में तीन-तीन और इस साल 29 जुलाई तक चार मामले दर्ज किए।