- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एव मझोले उद्यमों MSME) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आसान कर दी है। उन्हें अब पंजीकरण के लिए केवल पैन और आधार देने की जरूरत होगी। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया। इसकी घोषणा करते हुए एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पंजीकरण के बाद एमएसएमई इकाइयों को वित्त समेत विभिन्न क्षेत्रों में प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि उद्यमिता और अन्य संबंधित पहलुओं को लेकर छोटी इकाइयों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
मंत्री ने उम्मीद जताई कि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी छोटे कारोबारियों को पूर्ण समर्थन देंगी। बयान के अनुसार नई व्यवस्था के तहत एमएसएमई के पंजीकरण के लिए अब केवल पैन स्थायी खाता संख्या) और आधार देने की जरूरत होगी।
औद्योगिक इकाइयों के लिए राहत पैकेज
कोरोना महामारी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने औद्योगिक इकाइयों के लिए राहत पैकेज की पहल की है। इसके तहत राजस्थान वित्त निगम ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर और लॉकडाउन के मद्देनजर उद्यमियों को ऋणों के मूलधन की मासिक ईएमआई) अथवा त्रैमासिक किश्तों की अदायगी में राहत देने का निर्णय किया है। निगम ने इसके लिए ऋण किश्त भुगतान की समय-सारिणी में ढील देने के लिए परिपत्र भी जारी कर दिया है। निगम द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, औद्योगिक इकाइयों के लिए वर्ष 2021 के जून, जुलाई और अगस्त महीनों में देय मूलधन की ईएमआई अथवा त्रैमासिक किश्तों को स्थगित किया गया है। विलंबित की गई किश्तें ऋण के पुनर्भुगतान की अंतिम तिथि के बाद देय होंगी और भुगतान कार्यक्रम तदनुसार पुनर्निधारित किया जाएगा।
निगम से ऋण प्राप्त औद्योगिक इकाइयों के लिए मूलधन की अगली नियमित किश्त 1 सितंबर, 2021 को देय होगी। वित्त निगम की ओर से सभी संबंधित बैंक शाखाओं के लिए जारी इस परिपत्र के अनुसार, जून से अगस्त 2021 की अवधि में देय ऋण के ब्याज की भुगतान तिथियों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि विशेष परिस्थितियों में किसी ऋणी इकाई को 1 जून, 2021 को देय ब्याज के भुगतान के लिए दो महीने का समय दिया जा सकता है, लेकिन इस स्थिति में ऋणी द्वारा नियमानुसार ब्याज राशि पर ब्याज देय होगा।
ऋण अदायगी में उक्त राहत के लिए संबंधित उद्यमियों को संशोधित भुगतान समय-सारिणी के लिए लिखित सहमति देनी होगी। पर्यटन तथा हॉस्पिटिलिटी क्षेत्र की इकाइयों के लिए भी वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान देय मूलधन राशियों के पुनर्भुगतान की अवधि एक वर्ष के लिए बढाई गई है और यह भुगतान चार किश्तों में देय होगा। उक्त इकाइयों के लिए ऋण राशि पर जून तिमाही में देय ब्याज राशि 31 जुलाई, 2021 तक जमा कराई जा सकेगी। राजस्थान वित्त निगम द्वारा घोषित उक्त लाभ युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दिए गए ऋण खातों पर भी देय होंगे।