बता दें, वर्तमान उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त 2022 को समाप्त हो रहा है। कैप्टन की पार्टी का भाजपा में विलय होने की चर्चाओं ने कैप्टन की उपराष्ट्रपति की दावेदारी को जन्म दिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार पंजाब के सीएम रह चुके हैं।
कैप्टन इन दिनों इलाज के लिए विदेश गए हुए हैं। उनके जल्द ही लौटने की संभावना है। अमरिंदर सिंह लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे। 2002 से 2007 व 2017 से सितंबर 2021 तक वह पंजाब के सीएम रहे। अपने सीएम के दूसरे कार्यकाल से कुछ महीने पहले पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू की एंट्री के बाद कैप्टन के लिए पार्टी में स्थितियां असहज हो गई।
कैप्टन के विरोध के वाबजूद पार्टी हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंप दी। सिद्धू अपनी ही कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर निशाना साधने लगे और बार-बार उन्हें असहज करने लगे। इसी बीच पार्टी हाईकमान ने बिना कैप्टन अमरिंदर सिंह को विश्वास में लिए पार्टी विधायक दल की बैठक बुला दी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह बिना उनकी जानकारी के विधायक दल की बैठक बुलाए जाने से नाराज हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया, लेकिन इसी वर्ष की शुरुआत में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा।
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी और उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से पार्टी का गठन किया। कैप्टन की पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। हालांकि चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर के कारण कैप्टन की पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती। कैप्टन खुद भी चुनाव हार गए।
भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी ने चुनाव में कोई करिश्मा नहीं दिखाया, लेकिन कैप्टन की फैन फालोइंग कम नहीं है। कैप्टन फौज से रिटायर हैं। उन्हें एक कड़क नेता व हार न मानने वाला फौजी माना जाता है। कैप्टन ऐसे नेता रहे हैं जो गलत को गलत कहना जानते हैं।