नई दिल्ली, । भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने भारत को विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पहला गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।
नीरज चोपड़ा ने रविवार रात को 88.17 मीटर दूर भाला फेंककर पहली बार भारत को विश्व एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक दिलाया। बता दें कि हरियाणा के खंडरा गांव में जन्में नीरज ने बेहद ही कम समय में पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना ली है।
उन्हें इन ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उनके कोच का भी अहम योगदान रहा। नीरज को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए कई कोच रात-दिन कड़ी मेहनत करते रहे।
बता दें कि जब से नीरज ने गोल्ड जीता है तब से ही फैंस नीरज चोपड़ा के गुरु को जानने के लिए काफी बेताब हो रहे है। ऐसे में आइए जानते हैं इस आर्टिकल के जरिए कौन हैं नीरज चोपड़ा के गुरु?
Neeraj Chopra की कामयाबी के पीछे इन शख्स का बड़ा हाथ
दरअसल, गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने बेहद ही कम समय में प्रतिष्ठित डायमंड लीग, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ ही ओलंपिक में भी मेडल जीते। उन्होंने शुरुआती ट्रेनिंग जयवीर सिंह से ली। उनकी कोचिंग की वजह से नीरज में काफी सुधार आया और वह खेल के प्रति ज्यादा और रुचि दिखा सके।
इसके बाद नीरज ने 14 साल की उम्र में नसीम अहमद के अंडर ट्रेनिंग ली। वे पंचकुला के ताउ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स पहुंचे, जहां उन्होंने काफी मेहनत की और खेल के अलावा बायोमैकेनिजम पर काम किया।
कोच नसीम अहमद ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि नीरज ने क्रॉस लेग्स के साथ थ्रो किया और आखिरी बार चौड़ा कदम उठाया, इससे उन्हें स्मूथ थ्रो के लिए अंतिम झटके के लिए जरूरी गति मिली। दो कदम से लेकर तीन कदम और पांच कदम तक थ्रो करने से शुरू करके, हम हर दिन एक पूर्ण रन-अप की ओर बढ़ते थे और इससे उन्हें लैंडिंग तकनीक में भी महारत हासिल करने में मदद मिली।
इसके बाद नीरज ने साल 2016 में वर्ल्ड अंडर20 चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। इस दौरान नीरज ने 86.48 मीटर की दूरी तक जैवलिन थ्रो फेंककर गोल्ड अपने नाम किया था। इस दौरान उन्हें गैरी कालवर्ट ने कोचिंग दी थी जो कि कालवर्ट ऑस्ट्रेलिया से ताल्लुख रखते हैं। बता दें कि नीरजके मौजूदा कोच क्लॉस बार्टोनिएट्ज है, जिनके अंडर नीरज कोचिंग ले रहे है।