- नई दिल्ली: नीट यूजी परीक्षा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर COVID19 की स्थिति के कारण NEET जैसी सभी राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं को रद्द करने का आग्रह किया है।
स्टालिन ने लिखा, सीबीएसई की तरह हमने राज्य में 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। इसी के साथ 12वीं के मूल्यांकन के लिए एक कमेटी भी बना दी गई है। राज्य में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस के विद्यार्थियों को इन मूल्यांकन के बाद एडमिशन दिया जाएगा। ये फेसला बच्चों की सुरक्षा व शिक्षाविदों, अभिभावकों और मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोगों से विमर्श के बाद लिया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए कहना चाहता हूं कि किसी भी राष्ट्रीय स्तर के एग्जाम को कराना ऐसी स्थिति में हानिकारक होगा।
ऐसे में मेरा आग्रह है कि नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं को 12वीं बोर्ड की तरह रद्द कर दिया जाए। इसी के साथ स्टालिन ने लिखा, हमारा राज्य सभी प्रोफेशनल कोर्सेज में 12वीं के अंकों आधार पर एडमिशन देगा। जिसमें एमबीबीएस सीटें भी शामिल हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक नीट यूजी का आयोजन 1 अगस्त को किया जा सकता है। हालांकि एनटीए की ओर से इस बारे में घोषणा नहीं की गई है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित चिकित्सा उम्मीदवारों पर NEET के प्रभाव की जांच के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके राजन समिति की नियुक्ति की है। समिति मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए वैकल्पिक पद्धति का भी सुझाव देगी। तमिलनाडु में लोग नीट परीक्षा शुरू होने के बाद से इसका विरोध कर रहे हैं। DMK सरकार ने अपने चुनावी वादे में यह भी कहा था कि वे तमिलनाडु में NEET से छुटकारा पाने के लिए कुछ करेंगे।
प्रेस नोट में कहा गया है कि लोग प्रवेश परीक्षा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जो सामाजिक न्याय के खिलाफ है। वे एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली पिछली डीएमके सरकार के दौरान लागू किए गए कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश चाहते हैं।