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Panchkula : दो वक्त की रोटी के लिए आग के ढेर पर रेहड़ी मार्केट के दुकानदार, 100 दुकानें जली


पंचकूला। Panchkula Rehri Market Fire: पंचकूला के सेक्टर-9 की रेहड़ी मार्केट में बीती रात लगी भीषण आग ने कई परिवारों की रोजी रोटी छीन ली। चंद घंटों में रेहड़ी मार्केट में 100 से ज्यादा दुकानों राख के ढेर में बदल गई। शहर में रेहड़ी मार्केट्स में दुकानदार दो वक्त की रोटी के जुगाड़ के लिए रोजाना अपनी जान जोखिम में डालते है। रेहड़ी बाजारों में आगजनी की घटनाएं कई बार हो चुकी है, लेकिन हर बार यह दुकानदार प्रशासनिक मदद का आश्वासन लेकर घूमते रहते हैं, लेकिन मिलता कुछ नहीं है।

पंचकूला के सेक्टर-7, सेक्टर-9, सेक्टर-11 और सेक्टर -17 में रेहड़ी मार्केट लगती हैं। यहां पर बिजली की अव्यवस्थित तार गुजर रही हैं। छोटे-छोटे रास्तों में लगी दुकानें हर समय हादसों को न्यौता देती हैं। यहां रास्ते संकरे और टीन के शेड एक दूसरे की दुकानों से लगते हैं। इन मार्केट्स में आग लगने की सूरत में दमकल विभाग की गाड़ियां मुश्किल से पहुंचती हैं।

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शहर विकसित तो हुआ लेकिन फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं

शहर में लाखों लोग आग के ढेर पर काम करने और रहने को मजबूर हैं। यदि छोटी सी भी घटना हो जाए, तो लाखों का नुकसान तो होगा ही, साथ ही जानें भी खतरे में पड़ सकती हैं। विकसित हो रहे पंचकूला शहर में बने शोरूमों को मालिकों ने छोटे-छोटे कैबिनों में बदल दिया है। कैबिन में रोजाना हजारों लोग काम करने एवं छात्र पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इसके अलावा शहर में बहुमंजिला इमारतें भी खड़ी हो गई हैं। शहर तो विकसित हो रहा है, लेकिन फायर सेफ्टी सिस्टम आज तक विकसित नहीं हो पाया।

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शोरूमों में चल रहे ट्यूशन सेंटर

रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर-16 के महासचिव सुभाष पपनेजा ने बताया कि पिछले कई सालों से म्यूनिसिपल कारपोरेशन और फायर ऑफिस से हम मांग करते रहे हैं कि पंचकूला शहर में और खास तौर पर सभी शोरूमों में जहां ट्यूशन सेंटर चल रहे हैं या दुकानें बनी हुई हैं, वहां पूरे फायर फाइटिंग सिस्टम की चेकिंग कर नोटिस भेजकर लगवाए जाएं और बिजली के लोड को और प्रापर वायरिंग को चेक किया जाए।

 

अफसरों को चेकिंग करने की जरूरत

इसके अलावा हुडा को भी पजेशन सर्टिफिकेट इन सभी मापदंडों को पूरा होने पर दिया जाना चाहिए और फायर ऑफिस वालों को लगातार सबसे ज्यादा गर्मियों मे चेकिंग कर फायर फाइटिंग सिस्टम दुरुस्त करवाने की सख्त जरुरत है, ताकि ऐसे खतरनाक हादसे अगर हो भी जाए, तो बचाव तुरंत किया जा सके।

अतिक्रमण भी है हादसे के कारण

आग की बात हो, सफाई की बात हो, हाउस टैक्स के हिसाब किताब की बात हो, इंक्रोचमेंट हटाने की बात हो, कार्नर के मकानों से रास्ते को चौड़ा करने की बात हो या पानी की बर्बादी के लिए फाइन लगने की बात हो, बिजली के फाल्ट की रिपेयर हो या रेहड़ी-फेरी एक्ट 2014 को लागू करने की बात हो, तो कोई जबाव नहीं मिलता।