प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान दिखाई गई क्षेत्रीय एकजुटता का उल्लेख करते हुए गुरुवार को दक्षिण एशियाई और हिंद महासागर के द्विपीय देशों के बीच अपनी-अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग और समन्वय को और मजबूत बनाने का आह्वान किया। सार्क देशों की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने पांच प्रस्ताव रखे जिसकी पाकिस्तान ने भी तारीफ की और अन्य देशों ने भी इसका समर्थन किया। इस सम्मेलन में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालद्वीप, मॉरीशस, नेपाल, पाकिस्तान, सेशल्स और श्रीलंका के स्वास्थ्य क्षेत्र की हस्तियों, विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में पीएम मोदी ने डॉक्टरों के लिए वीजा व्यवस्था के प्रस्तावों, एयर एम्बुलेंस संधि समेत कई प्रस्ताव रखे जिसकी काफी सराहना हुई। पीएम मोदी ने सहयोग की भावना को आगे बढ़ाने के सिलसिले में उन्होंने कई अहम सुझाव भी दिए।
इमरजेंसी में एयर एंबुलेंस समझौता
पीएम मोदी ने सदस्य देशों के नागरिक उड्डयन मंत्रालयों से चिकित्सा आकस्मिकताओं के लिए क्षेत्रीय एयर एम्बुलेंस समझौते का समन्वय करने की सिफारिश की। पीएम मोदी ने पूछा, ”क्या हमारे नागर विमानन मंत्रालय चिकित्सा आपात स्थिति के लिए क्षेत्रीय एयर एम्बुलेंस समझौते के लिए समन्वय कर सकते हैं?
ये प्रस्ताव रखे
- स्वास्थ्यकालीन आपातकाल की स्थिति में चिकित्सकों और नर्सों के आवागमन के लिए विशेष वीजा योजना बनाए जाने।
- भविष्य की महामारियों की रोकथाम के लिए टेक्नोलॉजी सहायक महामारी विज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए क्या एक क्षेत्रीय नेटवर्क तैयार कर सकते हैं?” प्रधानमंत्री ने सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों और योजनाओं को साझा करने का भी सुझाव दिया।
- कोविड-19 के टीकों के प्रभाव को लेकर डाटा संकलन और उसका अध्ययन करने के लिए एक क्षेत्रीय मंच बनाने और अन्य देशों द्वारा भारत में चलाई जा रही आयुष्मान भारत और जन आरोग्य जैसी योजनाओं को ”केस स्टडी” के रूप में आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।
- अंत में उन्होंने प्रस्ताव रखा कि सार्क सदस्यों को कोविड-19 से आगे जाकर अपनी सफल जन स्वास्थ्य नीतियों और योजनाओं को एक-दूसरे के साथ साझा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी को एशिया की सदी बनना है तो यह दक्षिण एशिया तथा हिंद महासागर के द्वीपियों देशों के बीच सहयोग और एकीकरण के बिना नहीं हो सकता। आपने महामारी के दौरान क्षेत्रीय एकता की जो भावना दिखाई है उससे यह साबित हो गया है कि एकीकरण संभव है।’ मोदी ने कहा कि खुलेपन और दृढ़ता की वजह से यह क्षेत्र पूरे विश्व में सबसे कम मृत्यु दर बनाए रखने में सफल हुआ।