वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी के दौरे पर हैं, उन्होंने वाराणसी स्थित रुद्राक्ष सेंटर से अंतरराष्ट्रीय टीबी कांफ्रेंस का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी से जुड़ा किस्सा सुनाया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को एक बार एक लेप्रेसी अस्पताल के उद्घाटन के लिए बुलाया गया। वहां उन्होंने कहा कि मैं उद्घाटन के लिए नहीं जाऊंगा। मुझे तो खुशी तब होगी जब इस लैप्रेसी अस्पताल पर ताला लगाने के लिए बुलाया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि साल 2001 में जब मुझे गुजरात के लोगों ने सेवा का अवसर दिया। तब मुझे लगा कि गांधी जी का एक सपना अधूरा रह गया है। हमने उस पर काम किया और लेप्रेसी अस्पताल पर ताला लगाया।
उन्होंने कहा कि ठीक उसी तरह टीबी को देश से मुक्त करने के लिए हमने बीड़ा उठाया है। इसमें जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। टीबी के मरीजों में जागरूकता की कमी है। हमने उनको जागरूक करना होगा।
बकौल पीएम मोदी काशी में बीते कुछ वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत विकास हुआ है। अब लोगों को इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई हैं।
जनऔषधि केंद्र से लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही है। भारत हर देश के साथ टीबी के लिए कंधे से कांधा मिलाकर खड़ा है। मैं आपका आभारी हूं कि इस कार्यक्रम में आने के लिए आपने मुझे आमंत्रित किया।
वाराणसी में तीन दिनों तक चलेगी वन वर्ल्ड टीबी समिट
‘वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023’ का पीएम ने शुभारंभ किया। पहली बार दिल्ली से बाहर कहीं आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में देश को वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त बनाने के संकल्प पर गहन मंथन किया जा रहा है।
विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर समिट अंतरराष्ट्रीय संगठन संगठन ‘स्टाप टीबी पार्टनरशिप’ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेन्शन सेंटर में आयोजित है। इसमें ब्राज़ील, नाइजीरिया समेत विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ, सहयोगी संस्थाएं व नीति नियंत्रक भाग ले रहे है।
तीन दिवसीय समिट में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। प्रतिभागी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और गांवों में भी जाएंगे।