- भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 12 अक्टूबर को अफगानिस्तान (Afghanistan) को लेकर G20 की एक्स्ट्राऑर्डिनरी लीडर्स समिट भाग लेंगे. पीएम मोदी इतालवी राष्ट्रपति के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक के एजेंडे में मानवीय जरूरतों की प्रतिक्रिया और युद्धग्रस्त राष्ट्र में बुनियादी सेवाओं व आजीविका तक पहुंच पर चर्चा शामिल होगी. दरअसल, इस साल अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि एजेंडा में सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और गतिशीलता, प्रवास और मानवाधिकारों पर बातचीत भी शामिल होगी. मंत्रालय ने कहा कि पीएम ने इससे पहले पहले शंघाई सहयोग संगठन- सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (एससीओ-सीएसटीओ) अफगानिस्तान पर आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लिया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर अफगानिस्तान पर जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया था.
G20 में दुनिया की बीस प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं. यह अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाने में मदद करने और अफगानिस्तान में बिगड़ते मानवीय संकट को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस समिट की घोषणा सबसे पहले 29 सितंबर को इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की थी. यह बैठक रोम में 30 और 31 अक्टूबर को होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से कुछ सप्ताह पहले होगी.
जी20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किए गए हैं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
बताते चलें कि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने वाले समूह जी20 के लिए भारत का शेरपा नियुक्त किया गया है. भारत एक दिसंबर 2022 से जी20 समूह की अध्यक्षता करेगा और 2023 में पहली बार जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. गोयल को सुरेश प्रभु की जगह भारत का जी20 शेरपा नियुक्त किया है.