रांची। : रांची में जमीन घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने न्यूक्लियस माॅल के संचालक विष्णु अग्रवाल से बुधवार की सुबह करीब 11 बजे से ही पूछताछ शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि विष्णु अग्रवाल ने स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का हवाला दिया तो ईडी ने मेडिकल की टीम भी बुलवा ली और उनके स्वास्थ्य की जांच कराई। ईडी सूत्रों की मानें तो विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार करने के लिए ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं। हो सकता है देर शाम तक उनकी गिरफ्तारी भी हो जाए।
ईडी के सवालों के घेरे में विष्णु अग्रवाल
पूर्व में विष्णु अग्रवाल को आठ मई को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। वह कार्यालय गए भी थे, लेकिन बीमारी की वजह से उन्होंने समय की मांग की थी।
बताया जा रहा है कि ईडी उनसे रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन व प्रेम प्रकाश से रिश्ते, विवादित जमीनों की खरीद-बिक्री मामले के अलावा फर्जीवाड़ा करने में सहयोग करने वालों की जानकारी ले रही है।
उनसे सेना के कब्जे वाली एक अन्य जमीन की भी जानकारी ली जा रही है, जो रांची में सिरमटोली चौक के पास है, जिसे विष्णु अग्रवाल ने गलत तरीके से खरीदी थी।
विष्णु अग्रवाल ने कराया था छवि रंजन को गोवा का टूर
विष्णु अग्रवाल पर चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन फर्जी कागजात के आधार पर खरीदने का आरोप है। जमीन के रैयत के नाम में मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ किया गया था। आरोप है कि इसमें रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन और नेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश ने भी मदद की थी। विष्णु अग्रवाल ने इसके लिए मोटी रकम का भुगतान भी किया था। उन्होंने छवि रंजन का गोवा टूर भी कराया था, जिसकी पुष्टि ईडी की छानबीन में पूर्व में ही हो चुकी है।
जेल में बंद हैं रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन
प्रेम प्रकाश अवैध खनन के गत वर्ष ही ईडी के हाथों गिरफ्तार हुआ था और तब से ही वह जेल में है। रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन को भूमि घोटाले में ईडी ने गत चार मई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। छवि रंजन जेल में बंद हैं। छवि रंजन को बड़ागाईं मौजा की एक प्रतिबंधित प्रकृति की भूमि को प्रतिबंध मुक्त करने के एवज में एक करोड़ रुपये का भुगतान प्रेम प्रकाश के माध्यम से हुआ था।
छवि रंजन के मौखिक आदेश पर हो गया था म्यूटेशन
रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन के मौखिक आदेश पर ही चेशायर होम रोड की एक एकड़ विवादित जमीन का म्यूटेशन विष्णु अग्रवाल व उनकी पत्नी अनुश्री अग्रवाल के नाम पर बड़ागाईं के तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने किया था।
ईडी ने पिछले वर्ष चार नवंबर को विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मोबाइल जब्त किया था। मोबाइल के डेटा से कई अहम जानकारियां मिली थीं। ईडी को छानबीन में यह भी पता चला कि विष्णु अग्रवाल व छवि रंजन के बीच गहरे संबंध थे। छवि रंजन ने विष्णु अग्रवाल को नामकुम मौजा के पुगड़ू में खरीद-बिक्री नहीं होने वाली जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा दिलाया था।