नई मौद्रिक नीति की मुख्य बातें
- आरबीआई ने इस बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया है। यानी कि रेपो दर 6.50 फीसदी पर स्थिर है। वहीं एसडीएफ (SDF) रेट 6.25 फीसदी पर बरकरार है और एनसीएफ (MSF) दर और बैंक दर 6.75 फीसदी पर बरकरार है।
- आरबीआई ने भारत की जाडीपी को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रह सकती है। भारत की जीडीपी ग्रोथ पहले तिमाही में 8 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 5.7 फीसदी रह सकती है।
- देश की महंगाई पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 5.1 फीसदी हो सकती है। कारोबारी साल के पहली तिमाही में महंगाई दर 4.6 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में यह 5.2 फीसदी हो सकती है।
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपए के नोट को लेकर भी एलान किया है। उन्होंने कहा है कि इन नोटों को बैंकों में जमा करने से बड़ा फायदा होगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती कायम होगी।
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 24 के लिए रिटेल मुद्रास्फीति को अनुमानित 5.1 फीसदी किया है। पहले इसका अनुमान 5.2 लगाया गया था।
- आरबीआई ने रुपे कार्ड को लेकर बड़ा एलान किया है। बैंकों को रुपे (Rupay) प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है। गैर-बैंक कंपनियों को ई-रुपया वाउचर को ईश्यू किाय जाएगा। जिससे ई-रुपया के दायरे का विस्तार किया जा सके।
- आरबीआई के गवर्नर ने बताया कि भू-राजनीतिक स्थिति की वजह से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों की गति धीमी हो गई है। इससे अनिवासी जमा में नेट इनफ्लो वित्त वर्ष 23 में बढ़कर 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। ये आंकड़े पिछले साल 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- इस बार हेडलाइन मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर है और शेष वर्ष के दौरान इसके बने रहने की उम्मीद है।
- आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कारोबारी साल 2024 में भी महंगाई दर 4 फीसदी के ऊपर रह सकती है।
- वित्त वर्ष 24 में महंगाई लक्ष्य से ऊपर रह सकती है. एमपीसी की 43वीं बैठक में ‘Withdrawal Of Accomodation’ रुख बरकरार रखा गया।