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Reliance Jio ने जुटाया भारत के कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा सिंडिकेट लोन, 5 अरब डॉलर का मिला सपोर्ट


नई दिल्ली, । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी दूरसंचार यूनिट जियो इंफोकॉम (Jio Infocomm) ने कुल पांच अरब डॉलर तक का विदेशी मुद्रा ऋण (Foreign Currency Loans) जुटा लिया है। खास बात है कि इसे भारत के कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा सिंडिकेट लोन कहा जा रहा है।

इसमें रिलायंस ने पिछले हफ्ते 55 बैंकों से 3 अरब डॉलर जुटाए हैं, जबकि जियो इंफोकॉम ने 18 बैंकों से 2 अरब डॉलर का अतिरिक्त कर्ज हासिल किया है और यह ऐड-ऑन सुविधा के तहत लाया गया है। साथ ही, इसे अप्रैल के अंत तक लिए जा सकने की उम्मीद है।

इस तरह होगा लोन का बंटवारा

2 अरब डॉलर का ऐड-ऑन लोन रिलायंस और जियो के बीच बराबर-बराबर बांट दिया जाएगा और अप्रैल के अंत तक इसके खत्म होने की संभावना है। इसकी शर्तों में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है और 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए ऋण की वही शर्तें हैं जो 3 बिलियन के लिए थी।

ये बैंक आए सामने

2 बिलियन के लोन के लिए लगभग दो दर्जन ताइवानी बैंक सामने आए हैं। इसके अलावा, बैंक ऑफ अमेरिका, HSBC, MUFG, Citi, SMBC, Mizuho, और Credit Agricole जैसे वैश्विक दिग्गजों सहित लगभग 55 उधारदाताओं ने 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर उधारी पर हस्ताक्षर किया था। इन्हें दो चरणों में शामिल किया गया।

 

इस तरह होगा लोन के पैसों का इस्तेमाल

सिंडिकेट लोन से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल रिलायंस लिमिटेड मुख्य रूप से अपने पूंजीगत व्यय के खर्चों को कम करने के लिए करेगा, जबकि Jio अपने राष्ट्रव्यापी 5G नेटवर्क रोलआउट के लिए इन पैसा का इस्तेमाल करेगी।

गौरतलब है कि Jio ने पिछले साल भी पूंजीगत व्यय के लिए 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का पंचवर्षीय न्यू-मनी क्लब लोन हासिल किया था। दूसरी तरफ, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का अंतिम सिंडिकेटेड उधार 2020 में पूरा हुआ था, जो करीब 1.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। इसमें 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर 3.5-वर्ष का हिस्सा और 38.45 बिलियन येन का पांच साल का हिस्सा शामिल था।