- मधेपुरा से RJD विधायक चंद्रशेखर यादव और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आज पटना में प्रेसवार्ता करते हुए आरोप लगाया कि जिस 32 साल पुराने केस में पप्पू यादव की गिरफ़्तारी हुई है, वो इतने वर्षों से इस केस में फरार थे. राष्ट्रीय जनता दल ने इस चुनाव में RTI के जरिए बिहार सरकार से पूछा था कि क्या पप्पू यादव इस मुकदमे में जमानत पर हैं या फरार? तब नीतीश सरकार ने लिखित में उत्तर दिया था कि पप्पू यादव फरार हैं.
आरजेडी ने लिखित में मधेपुरा प्रशासन को सारा विवरण भी उपलब्ध कराया, लेकिन नीतीश सरकार ने फ़रार पप्पू यादव को गिरफ़्तार करने की बजाय उसे बिहार में हेलिकॉप्टर से घूमने की इजाज़त दी. RJD का आरोप है कि पप्पू यादव बीजेपी-जेडीयू के समर्थन और प्रायोजन से महागठबंधन के वोटों में बिखराव के लिए उनका उपयोग कर रहे थे. मुख्यमंत्री के भी संज्ञान में यह मामला था क्योंकि सर्वविदित है कि नीतीश कुमार चुनाव में एक हफ़्ते मधेपुरा में रुकते हैं.
RJD नेताओं ने आरोप लगाया कि पप्पू यादव ने इसी फ़रारी के चलते सरकार के कहे अनुसार अस्पताल से नामांकन किया लेकिन मधेपुरा सहित संपूर्ण बिहार में प्रचार किया और मुख्यमंत्री ने उनकी कोई गिरफ़्तारी नहीं होने दी. RJD ने आज आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने, मरते लोगों, जलते शवों और नदियों में बहती लाशों से ध्यान हटाने के लिए प्रायोजित नाटक का प्रपंच रच रहा है. नीतीश कुमार ने कैसे बचाया और फसाया यह बात तो उनके तीन गठबंधन सहयोगी, कैबिनेट के साथी, उनके दल के नेता ही उनकी पोल खोल रहे है. नीतीश कुमार एक्सपोज हो चुके है.