नई दिल्ली, । डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 16 पैसे गिरकर 82.33 के स्तर पर पहुंच गया। यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे कमजोर स्तर है। पिछले कुछ दिनों में वैश्विक अस्थिरता के कारण डॉलर दुनिया की अन्य मुद्राओं के मुकाबले लगातार मजबूत होता जा रहा है।
अमेरिकी डॉलर की मजबूत बताने वाले डॉलर इंडेक्स में एक बार फिर से तेजी देखने को मिली है और यह चढ़कर 112 पर पहुंच गया है। इसके कारण दुनिया की अन्य मजबूत मुद्राएं जैसे यूरो, येन और ब्रिटिश पाउंड कई दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
डॉलर के आगे पस्त रुपया
रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद से डॉलर के मुकाबले रुपये का प्रदर्शन कमजोर ही रहा है। इस साल की शुरुआत से अब तक इसमें लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज के अनुसार, आज रुपया डॉलर के मुकाबले 82.19 पर खुला था, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही यह गिरकर 82.33 के स्तर पर पहुंच गया। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड 82.17 के स्तर पर बंद हुआ था।
क्यों हो रहा है रुपया कमजोर?
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाने के बाद से दुनिया की लगभग सभी बड़ी मुद्राओं पर दबाव देखा जा रहा है। फेड ने बीते महीने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत का इजाफा किया था। इसके साथ ही ब्याज दर अनुमान को बढ़ाया था, जिसके बाद से अमेरिकी निवेशक दुनिया के बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं और यह रुपये की कीमत में गिरावट के प्रमुख कारणों में एक है।
शेयर बाजार की कमजोर शुरुआत
शुक्रवार को सेंसेक्स 111 अंक गिरकर 58,110 अंक पर खुला था। वहीं, कच्चा तेल भी चढ़कर 94.33 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गया है।