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Russia Ukraine: यूक्रेन में रह रही भारतीय मेडिकल स्टूडेंट से सीधा संवाद, छात्रा ने बताएं वहां के ताजा हालात


नई दिल्ली, । (Russia-Ukraine Crisis) यूक्रेन और रुस के बीच जंग की स्थिति बनी हुई है। पूरी दुनिया की निगाहें दोनों देशों पर टिकी हुई है। दिन-ब-दिन तनाव और युद्ध के बादल गहराते जा रहे हैं। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अगले पल क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। इन सबके बीच, दूसरे देशों सहित भारत के हजारों छात्र (Indian‌ Students) यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनमें आजमगढ़, उत्तर प्रदेश की यूक्रेन के ओडेसा राष्ट्रीय चिकित्सा‌ विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई कर रही, एक छात्रा रेनू यादव से दैनिक जागरण ने सीधी बातचीत की। बता दें कि इस गंभीर माहौल में यूक्रेन की नार्मल कालिंग सुविधाएं बंद कर दी गई हैं, जिसके कारण व्हाट्सएप कालिंग के जरिए यह संवाद स्थापित किया गया, जहां उन्होंने यूक्रेन की ताजा स्थिति के साथ भारत लौटने और आपनी आनलाइन पढ़ाई के बारे में बताया।

– आप और आपके अन्य साथी अभी भी यूक्रेन में हैं, अब तक भारत वापस ना लौट पाने की क्या है सबसे बड़ी वजह?

नमस्ते! यहां पर करीब 20 हजार से ज्यादा मेडिकल के स्टूडेंट्स हैं, जिनमें से लगभग 20-30 फीसद लोग भारत लौट‌ चुके हैं, जबकि हम लोग अभी भी यहीं पर हैं, यूक्रेन में युद्ध की आशंकाओं के बीच सभी लोग तेजी से देश छोड़कर अपने अपने देश लौट रहे हैं, जिसके कारण रोजाना फ्लाइट की बुकिंग के दौरान टिकट वेटिंग में जा रही है, लेकिन जल्द से जल्द हम सब भी भारत लौटेंगे।

– आप लोगों की क्लासेस आनलाइन चल रही है या आफलाइन?

हमारी क्लासेस फिलहाल आनलाइन चल रही है। पहले से ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हमारी क्लासेस आनलाइन कर दी गई थी, जो कि अब रुस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए फिर से आनलाइन कर दी गई हैं। कालेज द्वारा नोटिस में बताया गया है कि यह आनलाइन क्लासेस 25 फरवरी तक जारी रहेंगी। लेकिन इसके आगे की कोई आफिशल नोटिस अब तक नहीं आई है। ‌

– यूक्रेन की स्थिति के चलते क्या आप लोगों की शिक्षा में भी कोई अवरोध पैदा हुए हैं?

जी हां! काफी चीजें बदली हैं, हम आनलाइन क्लासेस ले रहे हैं। मेडिकल की पढ़ाई के लिए फिजिकल क्लासेस और प्रैक्टिकल प्रैक्टिसेज बहुत जरुरी है, लेकिन एक लंबे वक्त से यह सब चीजें बंद हो गई हैं। ‌ वहीं दूसरी तरफ, आनलाइन क्लास के दौरान, हर दिन यूक्रेन का नेशनल एंथम किया जा रहा है।

इस स्थिति में वहां पर कैसा माहौल है? दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण क्या-क्या बदलाव आए हैं?

यहां की स्थिति ज्यादा खराब नहीं है। यहां की जो भी खबरें बताई जा रही हैं, वह अभी इतनी भी खराब नहीं है, हम लोग जिन सड़कों पर अमूमन आया जाया करते थे। वहां पर अब ज्यादा हलचल नहीं है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सड़कों पर सन्नाटा पसरा हो। हमारी जरुरत की चीजों के लिए भी हमें ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ रहा है। हमारी क्लासेज भी रेगुलर चल रही हैं। यहां की जो भी खबरें सामने आ रही है, उससे हमारे पेरेंट्स जरुर परेशान हो रहे हैं, लेकिन हम सभी छात्रों से इंडियन एंबेसी लगातार जुड़ी हुई है और हमें उनका पूरा सहयोग मिल रहा है।

– अपने-अपने देश लौटने के बाद आप सबकी पढ़ाई कैसे जारी रहेगी? कालेज प्रशासन की तरफ से कोई नोटिस जारी की गई है?

अपने देश लौटने के बाद भी हमारी क्लासेज आनलाइन जारी रहेंगी। कालेज प्रशासन की तरफ से फिलहाल अभी तक हमें कोई आफिशल नोटिस नहीं दी गई है। कालेज शिक्षकों द्वारा बताया गया है कि 25 फरवरी तक हमारी क्लास आनलाइन ही चलेंगी, जबकि आगे क्या कैसे होगा कुछ नहीं बताया गया है।

चार उड़ान और ऑपरेट की जाएंगी, दूतावास ने जारी की एडवाइजरी

इसके अलावा चार अन्य उड़ानें ऑपरेट की जाएंगी। भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, कीव से दिल्ली के लिए चार उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी और 6 मार्च, 2022 को भी ऑपरेट होंगी। रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। रूस के इस कदम पर भारत ने चिंता जाहिर की है। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत के रिप्रेजेंटेटिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, इनमें स्टूडेंट भी शामिल हैं। तिरुमूर्ति ने कहा कि इन भारतीयों की सलामती हमारी प्राथमिकता है।

पहले 10.15 बजे दिल्ली पहुंचनी थी फ्लाइट

पहले बताया गया था कि एअर इंडिया की फ्लाइट 256 भारतीय छात्रों को लेकर रात 10.15 बजे दिल्ली लौट आएगी, लेकिन देर रात न्यूज एजेंसी ANI ने एअर इंडिया अधिकारियों के हवाले से बताया कि 241 भारतीयों को लेकर आ रही फ्लाइट एक घंटा देरी से लैंड करेगी। हालांकि देरी का कारण नहीं बताया गया। एअर इंडिया की फ्लाइट ड्रीमलाइनर B-787 यूक्रेन भेजी गई थी, जिसकी क्षमता 200 यात्रियों की है। यूक्रेन और उसके सीमावर्ती इलाकों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जिन्हें वापस लाने सरकार प्रयास कर रही है।