वाराणसी, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार यूक्रेन से सकुशल स्वदेश लौटे वाराणसी व आसपास के जिलों के छात्र-छात्राओं से लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री चंदौली व जौनपुर में सभा के बाद दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। मुलाकात में सही सलामत वतन लौटे छात्रों ने प्रधानमंत्री का आभार जताया। कहा कि हमें व हमारे अभिभावकों को भारत सरकार पर पूरा भरोसा था कि वह हमें वहां से सुरक्षित निकालेंगे। इस संकट की घड़ी में हमारे घरों में भगवान के बाद सिर्फ पीएम नरेन्द्र मोदी का नाम लिया जा रहा है। वास्तव में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री ही नहीं देशवासियों के लिए भगवान भी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप लोगों को इतनी छोटी उम्र मेंं ऐसे अनुभव से गुजरना पड़ा है, यह हम अनुभव कर रहे हैं। कोई मां-बाप अपने बच्चों को इतनी दूर पढऩे के लिए नहीं भेजना चाहता है, लेकिन देश में इस दिशा में पहले ध्यान नहीं दिया गया। अब देश मजबूत हो रहा है। पिछले पांच सालों में 300 से बढ़कर 700 मेडिकल कालेज हो चुके हैं। 70-80 हजार से बढ़कर मेडिकल की सीट अब डेढ़ लाख हो गई है। आने वाले समय में मेडिकल की पढ़ाई के छात्रों को अपना देश नहीं छोड़ना होगा। इसके तहत हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोलने का प्रस्ताव है। वास्तव में यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित देश लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर आपरेशन गंगा चलाया जा रहा है। वहां से वायुसेना के विमानों व एयर इंडिया समेत निजी एयरलाइ्स के विमानों से उन्हें स्वदेश लाया जा रहा है।
इस क्रम में विशेष विमान से छात्रों का दल बनारस आया। इस दौरान छात्रों ने कहा कि गत 24 मार्च को जब यूक्रेन पर हमला हुआ तो हम लोग भी घबरा गए। मृत्यु करीब दिखाई देने लगी। इसके बावजूद हम लोगों के ही अभिभावकों के मन में यह पूरा विश्वास था कि प्रधानमंत्री कुछ न कुछ करेंगे। हम लोगों के लिए उम्मीद की पहली व अंतिम किरण प्रधानमंत्री ही दिखाई दे रहे थे। आजमगढ़ निवासी गौरव उपाध्याय ने बताया कि यूक्रेन की स्थिति काफी खराब है। तिरंगा का विदेशों में इतना महत्व है। यह पहली बार देखा और जाना। बस में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लगाने के कारण वहां से निकलने में उन्हें कोई समस्या नहीं हुई। हालांकि उन्होंने कहा की सर्वाधिक समस्याएं बार्डर पर आ रही हैं। अधिकतर लोगों को एंट्री नहीं मिल रही है और वहां भीड़ काफी अधिक है। जौनपुर के शेख फैसल, गाजीपुर जमानिया की श्वेता दुबे व कंदवा की नेहा पटेल ने बताया कि यूक्रेन की स्थिति बहुत ही भयावह है। यदि हम लोग सुरक्षित भारत नहीं आते तो कुछ भी हो सकता था। सुरक्षित लौटने के लिए छात्रों ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद बोला। कहा सरकार ने बिल्कुल मुफ्त स्वदेश पहुंचाया है। इसके लिए भारत सरकार खास तौर पर प्रधानमंत्री को कोटि-कोटि धन्यवाद। एयरपोर्ट पर वाराणसी, भदोही, जौनपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, गाजीपुर, आजमगढ़ सहित अन्य जिलों के विद्यार्थी शामिल थे। सुरक्षित स्वदेश लौटने की खुशी छात्रों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी।