कीव, । रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच यूक्रेन स्थित ज़ापोरिज्जिया परमाणु उर्जा संयंत्र का निरीक्षण करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की टीम आज निरीक्षण के लिए कीव से रवाना हुई। आईएईए (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी (Rafael Grossi) के नेतृत्व में उनकी 13 सदस्यीय टीम बुधवार को यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र की जांच करेगी।
रूस ने परमाणु स्टेशन पर किया कब्जा
बता दें कि ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र विश्व का 10वां सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। साथ ही यह यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट है। रूसी हमले से पहले यूक्रेन का इस उर्जा संयंत्र पर अधिकार था। मगर, 4 मार्च 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद सीमावर्ती क्षेत्र एनेर्होदर की लड़ाई में रूसी सेना ने परमाणु और थर्मल पावर स्टेशनों पर कब्जा कर लिया था। तब से यह रूस के कब्जे में है। छह महीने से यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia-Ukraine War) में दोनों देश एक-दूसरे पर ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमले का आरोप लगाते आए हैं।
परमाणु संयंत्र में मंडरा रहा रिसाव का खतरा
दोनों पक्षों की तरफ से हो रहे हमलों से परमाणु उर्जा संयंत्र में विकिरण का रिसाव का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी (IAEA )के प्रमुख ग्रॉसी अपनी टीम के साथ काफी लंबे समय में ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए थे।
सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगी आईएई की टीम
रूस से हरी झंडी मिलने के बाद ग्रॉसी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया, ‘वह दिन आ ही गया। ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए समर्थन और सहायता मिशन की शुरुआत होने वाली है।’
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी की इस यात्रा को ‘आईएई मिशन’ नाम दिया गया है। पिछले दिनों आईएईए ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विशेषज्ञों की टीम वहां सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही साथ प्लांट में काम कर रहे कामगारों के काम करने की परिस्थितियों का भी आकलन करेंगे।