राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता तय
ऐसे में मोदी की इन नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकातों को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। वैसे मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक तय है, जबकि मोदी और शिनफिंग की बैठक को लेकर भी दोनो तरफ के अधिकारियों के बीच लगातार विमर्श चल रहा है। मोदी की पाक पीएम शरीफ के साथ मुलाकात होगी या नहीं इसको लेकर अभी तक चुप्पी है।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति ने भेजा आमंत्रण
विदेश मंत्रालय की तरफ से रविवार को बताया गया कि उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जीयोयेव के आमंत्रण में पीएम मोदी एससीओ शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। बैठक में एससीओ के सभी सदस्य देशों के अलावा आब्जर्बर देश, एससीओ के महानिदेशक, एससीओ के तहत गठित क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचे के अधिशासी निदेशक और कुछ दूसरे आमंत्रित मेहमान हिस्सा लेंगे। बैठक में नेताओं के बीच पिछले दो दशकों के दौरान एससीओ की गतिविधियों और भविष्य के सहयोग पर चर्चा होगी। बैठक में मौजूदा क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
विदेश मंत्रालय ने यह भी सूचना दी गई है कि पीएम मोदी की बैठक के दौरान दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी होगी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कुछ दिन पहले कहा था कि एससीओ में मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात होगी।
2021 में पुतिन ने की थी भारत की यात्रा
दिसंबर, 2021 में पुतिन ने कुछ घंटे के लिए नई दिल्ली की यात्रा की थी और उनकी पीएम मोदी के साथ सालाना भारत-रूस शीर्ष बैठक हुई थी। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पीएम मोदी की पुतिन के साथ कई बार टेलीफोन पर वार्ता हुई है, लेकिन यह हाल के दिनों की इनके बीच पहली द्विपक्षीय बैठक होगी। इनके बीच चर्चा में भारत-रूस के मौजूदा रिश्ते, पेट्रोलियम आयात-निर्यात और ऊर्जा संबंधों से जुड़े मुद्दे खास तौर पर उठेंगे।
भारत रूस का सबसे अहम तेल और गैस का खरीदार बना
फरवरी, 2022 के बाद रूस भारत का एक अहम क्रूड व गैस आपूर्तिकर्ता देश बन गया है। भारत ने इस बारे में अमेरिका व पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार कर रूस से तेल व गैस की खरीद को बढ़ा दिया है। कूटनीतिक सूत्रों ने बताया है कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच मोदी और शिनफिंग के बीच भावी मुलाकात को लेकर भी लगातार संपर्क बना हुआ है।
पीएम मोदी और शिनफिंग की हो सकती है मुलाकात
पिछले गुरुवार (08 सितंबर) को भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में मई, 2020 से जारी सैन्य तनाव को खत्म करने की सहमति बनी और जिन बचे इलाकों में दोनो तरफ के सैनिक अभी तक तैनात थे उन्हें वापसी की प्रक्रिया चल रही है। सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 12 सितंबर, 2022 (सोमवार) को पूरा होने की उम्मीद है। कई जानकार बता रहे हैं कि मोदी और शिनफिंग की भावी मुलाकात को सुगम बनाने के लिए सैन्य वापसी को लागू किया गया है।
भारत और चीन के बीच कम हो सकते हैं तनाव
ऐसा वर्ष 2016 में डोकलाम विवाद के दौरान भी हुआ था। तब डोकलाम में सैन्य विवाद की समाप्ति के कुछ ही दिनों बाद ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी और शिनफिंग के बीच बैठक हुई थी। इस बार भी घटनाक्रम ऐसी ही मुलाकात के संकेत दे रहे हैं। यह मुलाकात भारत और चीन के रिश्तों के मौजूदा तनाव को काफी हद तक घटाने वाला साबित हो सकता है।
क्या दोहराया जाएगा ऊफा
मोदी की मुलाकात पाकिस्तान के पीएम शरीफ के साथ होगी या नहीं इसको लेकर आधिकारिक या गैर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद शाहबाज शरीफ ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर काफी ढुल-मुल रवैया अपना रखा है। एक दिन वो खुद और उनके वित्त मंत्री भारत के साथ कारोबारी रिश्तों को सामान्य करने की बात करते हैं तो अगले दिन ही शरीफ कश्मीर मुद्दे की बात उठा देते हैं।
वैसे वर्ष 2015 में एससीओ की ऊफा में हुई बैठक में पीएम मोदी की तत्कालीन पीएम (मौजूदा पीएम के बड़े भाई) नवाज शरीफ से संक्षिप्त मुलाकात हुई थी जिसके बाद द्विपक्षीय रिश्तों को पटरी पर लाने की शुरुआत हुई थी। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया था। द्विपक्षीय वार्ताओं की तैयारी भी हो रही थी कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पठानकोट हमला कर दिया था और उसके बाद रिश्ते लगातार तनावपूर्ण होते गये। एससीओ की बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी हिस्सा लेंगे जिनके साथ पीएम मोदी की अलग से मुलाकात संभव है।