नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने जमानत के लिए एक स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बिभव पर आप की राज्यसभा सदस्य और पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बदसलूकी करने का आरोप है। अदालत ने इस पर जवाब देने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी।
शुक्रवार को अदालत ने बिभव कुमार को चार दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उनकी पांच दिन की पुलिस हिरासत की समाप्ति पर अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जहां उन्हें 28 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बिभव को 13 मई को मालीवाल पर हुए हमले के सिलसिले में 18 मई को गिरफ्तार किया गया था और देर रात एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
पुलिस ने किया था सीन रीक्रिएट
इस अवधि के दौरान उन्हें सीएम आवास भी ले जाया गया, जहां क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया। जांच से जुड़े पुलिस सूत्रों ने बताया कि बिभव कुमार को मुंबई में तीन स्थानों पर ले जाया गया। सूत्र ने कहा, “बिभव कुमार ने अपने फोन को एक जगह फॉर्मेट कर दिया था, जिसका खुलासा तकनीकी जांच के बाद हुआ।”
बिभव ने 17 मई को किया फोन को फॉर्मेट
पुलिस के मुताबिक, उन्होंने खराबी का हवाला देते हुए 17 मई को अपना फोन फॉर्मेट किया था। मुख्यमंत्री के आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया गया। सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (बी) (महिला पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत आरोप शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य करना) भी शामिल किया गया है।