Latest News नयी दिल्ली मनोरंजन राष्ट्रीय

The Kashmir Files:अनुपम खेर से इजरायली कौंसल जनरल ने मांगी माफी, किया अभिनेता को फोन


नई दिल्ली, : IFFI 2022 की क्लोजिंग सेरेमनी में ज्यूरी चेयरमैन और इजरायली फिल्ममेकर नदाव लपिड द्वारा विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म को लेकर विवादित बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। लपिड का बयान सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर लगातार उनका विरोध हो रहा है। इजरायल के राजदूत ने उन्हें फटकार लगाने के बाद अब कौंसल जनरल ने उनके बयान से किनारा कर लिया है और कहा है कि ये उनकी निजी राय हो सकती है, लेकिन इजरायल का इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है।

गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, 2022 का सोमवार को समापन समारोह था, जहां ज्यूरी मेंबर के चेयरमैन नदाव लपिड ने अनुपम खेर अभिनीत फिल्म द कश्मीर फाइल्स को अभद्र बताते हुए फिल्म को प्रोपेगेंडा फिल्म करार दिया था। उनके इस बयान के सामने आने के बाद अनुपम खेर, विवेक रंजन, अशोक पंडित, पल्लवी जोशी और रणवीर शौरी ने विरोध करते हुए उन्हें खरी खोटी सुनाई है और अब इजरायल के कौंसल जनरल कोब्बी शोशानी ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी है।

अनुपम खेर से कौंसल जनरल ने मांगी माफी

इजरायल के कौंसल जनरल ने अपने ट्वीट में लिखा, जब मैंने वो बयान सुना तो मैंने सबसे पहले सुबह अनुपम खेर को फोन किया था और इस बयान के लिए माफी मांगी, जोकि एक व्यक्तिगत राय थी, लेकिन हम इसको स्वीकार नहीं सकते। शायद वो कुछ अन्य यूरोपियन ज्यूरी सदस्यों के साथ हैं। और इजरायल का इस बयान से कोई लेना देना नहीं है।

ज्यूरी बोर्ड ने भी किया किनारा

इजरायली राजदूत के ट्वीट से पहले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिल, 2022 ने ज्यूरी चेयरमैन के बयान पर विवाद को बढ़ता देख अपना बयान जारी किया था। IFFI ने कहा, 53वें IFFI समारोह के क्लोजिंग सेरेमनी के मंच से IFFI 2022 ज्यूरी चेयरमैन नदाव लपिड द्वारा फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर जो कुछ भी कहा गया है वो उनके निजी विचार हैं। फेस्टिवल डायरेक्टर और आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑफिशियल ज्यूरी बोर्ड के तौर पर हम चार ज्यूरी मेंबर मौजूद रहे (पांचवें सदस्य को इमरजेंसी की वजह से जाना पड़ा) और हमने प्रेस से बात की, हमने कभी भी अपनी पसंद और नापसंद के बारे में कोई भी बात नहीं की। दोनों हमारे आधिकारिक सामूहिक मत थे।

ज्यूरी के तौर पर हमे इसलिए चुना गया था ताकि हम फिल्म से जुड़ी तकनीकी, एस्थेटिक क्वालिटी और कल्चर को जज कर सकें। हम किसी भी फिल्म पर किसी भी तरह की राजनीतिक टिप्पणी नहीं करते हैं और अगर ऐसा किया जाता है, तो यह पूरी तरह से व्यक्तिगत है – सम्मानित ज्यूरी बोर्ड से इसका कोई लेना-देना नहीं है।