नई दिल्ली। क्वाड संगठन को लेकर इसके चारों सदस्य देशों भारत, अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता बहुत तेजी से बढ़ रही है। अगले हफ्ते (24 मई) क्वाड की तीसरी शिखर बैठक टोक्यो में होने जा रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी इसमें हिस्सा लेने के लिए 24 मई को ही टोक्यो पहुंचेंगे जहां वो क्वाड में शिरकत करने के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के पीएम फूमियो किशिदा के साथ अलग अलग द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने इस बैठक को हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व को मजबूत करने के लिए बुलाई गई सबसे महत्वपूर्ण बैठक करार दिया है। आगामी क्वाड बैठक की एक खासियत यह होगी कि इसमें इंडो पैसिफिक इकोनोमिक फ्रेमवर्क (IPEF) की घोषणा होगी।
यह फ्रेमवर्क हिंद प्रशांत क्षेत्र को 21वीं सदी के लिए सबसे बड़े आर्थिक गठबंधन के तौर पर देखा जा रहा है। यह कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों का समाधान निकालने के साथ ही डिजिटल इकोनोमी के लिए नए नियम बनाने, सशक्त सप्लाई चेन को स्थापित करने, ऊर्जा उपभोग के मौजूदा तंत्र को बदलने और ढांचागत सुविधाओं को स्थापित करने का काम करेगा। यह फ्रेमवर्क पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में भारत के महत्व को बढ़ाएगा। माना जा रहा है कि इससे वैश्विक सप्लाई चेन में चीन के विकल्प के तौर पर भारत के स्थापित होने की संभावना मजबूत होगी।