अगरतला, । माणिक साहा के त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद आज 11 विधायक कैबिनेट मंत्री कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। 11 मंत्रियों में से, भाजपा के नौ विधायकों और दो आईपीएफटी विधायकों ने राज्यपाल द्वारा दिलाई गई शपथ ली। इन मंत्रियों में से नौ पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद में से हैं। बता दें कि बिप्लब कुमार देब के इस्तीफा देने के बाद कल ही साहा ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
इनकों मिली कैबिनेट में जगह
सोमवार को जिन मंत्रियों ने शपथ ली उनमें भाजपा के जिष्णु देव वर्मा (उपमुख्यमंत्री), रतन लाल नाथ, प्रणजीत सिंघा राय, मनोज कांति देब, संताना चकमा, राम प्रसाद पाल, भगवान चंद्र दास, सुशांत चौधरी, रामपाड़ा जमातिया शामिल हैं। वहीं आइपीएफटी से नरेंद्र चंद्र देबबर्मा और प्रेम कुमार रियांग को इस कैबिनेट में जगह मिली है। चकमा इस कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं।
बिप्लब के इस्तीफे के बाद साहा को मिली कमान
बिप्लब कुमार देब द्वारा इस्तीफा सौंपे जाने के बाद ही माणिक साहा को त्रिपुरा की कमान मिली है। शनिवार को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में साहा को विधायक दल का नेता चुना गया था। भाजपा ने बिप्लब कुमार देब की जगह साहा को मुख्यमंत्री बनाकर विधानसभा चुनाव से एक साल पहले राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का फैसला किया है।
सत्ता विरोधी लहर को शांत करने की कोशिश
माणिक साहा के त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, भाजपा ने एक बार फिर चुनावी राज्य में चेहरा बदलकर सत्ता विरोधी लहर को हराने के अपने पुराने मंत्र का सहारा लिया है। भाजपा नेताओं की त्रिपुरा इकाई माणिक साहा के मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने से हैरान थी क्योंकि वह दो महीने पहले ही एकमात्र सीट से राज्यसभा के लिए चुने गए थे।