अयोध्या, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को अयोध्या के संतों का भी आशीर्वाद मिला है। सात सितंबर से संचालित भारत जोड़ो यात्रा आज उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर रही है। यात्रा के इस रुख को लेकर ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गौरव तिवारी वीरू ने यात्रा के प्रति संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी को आशीर्वाद देने और यात्रा के प्रति शुभकामना अर्पित करने वालों में रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास भी रहे।
यात्रा नाम के अनुरूप देश को एकजुट करने में सफल होगी
राहुल गांधी को संबोधित पत्र में आचार्य सत्येंद्र दास ने उनकी यात्रा को स्वागत योग्य बताया है तथा विश्वास जताया है कि यह यात्रा नाम के अनुरूप देश को एकजुट करने में सफल होगी। उन्होंने सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की भारतीय परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा, इस देश को पूरी तरह से एकजुट रहना ही चाहिए, तभी वह कहीं अधिक प्रगति कर सकता है तथा आतंकियों एवं अलगाव से सफलतापूर्वक लड़ सकता है । उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी जो लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, वह भी रामलला की कृपा से पूर्ण होगा।
राजनीतिक समर्थन- विरोध से जोड़कर न देखा जाए आशीर्वाद- आचार्य सत्येंद्र दास
रामलला के प्रधान पुजारी अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप सनातन परंपरा के अनुगामी और मर्मज्ञ होते हुए भी हिंदू- मुस्लिम एकता तथा देश की साझा संस्कृति के पक्षधर रहे हैं और उनका ताजा रुख भी इसी रुझान के अनुरूप है। जागरण से बात करते हुए मुख्य पुजारी ने कहा कि उनके आशीर्वाद को राजनीतिक समर्थन- विरोध से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। सत्य यह है कि जो भी देश को एकजुट करने की बात करेगा, उसके प्रति रामलला का और हमारा आशीर्वाद है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को आशीर्वाद देने वालों में जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत जन्मेजय शरण भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के साथ वही काम कर रहे हैं, जो भारत मां से प्रेम करने वाले किसी भी राजनेता को करना चाहिए और उनका यह प्रयास सभी के लिए स्वागत योग्य होना चाहिए। उनकी इस कोशिश को या हमारे आशीर्वाद को राजनीतिक चश्मे से देखना उचित नहीं है।
भाजपा लेती है रामलला से लेकर संतो और सनातन संस्कृति का राजनीतिक लाभ
राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को संतों का समर्थन मिलने के बाद उपजी प्रतिक्रिया के बीच कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव तिवारी वीरू भाजपा पर हमला करते हैं । उनका कहना है कि भाजपा रामलला से लेकर संतो और सनातन संस्कृति के मानकों- मूल्यों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करती है और यदि कोई इन मूल्यों को तटस्थ होकर राष्ट्रीय संदर्भों में अर्पित करना चाहता है, तो उन्हें मिर्ची लग जाती है। यह वह दौर है, जब लोगों को भाजपा के संकीर्णता समझनी चाहिए ।