लखनऊ, । यजदान बिल्डर की भ्रष्टाचार की इमारतें लखनऊ विकास प्राधिकरण के कई अफसरों और इंजीनियरों की शह पर खड़ी हुई हैं। प्राग नारायण रोड और वजीर हसन रोड ही नहीं उसकी शेष सात संपत्तियों का पता चला है जिसे न केवल एकल यूनिट का नक्शा दाखिल कर बनाया गया, वहीं एक के बाद एक कई नक्शों के निरस्त होने के बावजूद अवैध निर्माण होते गए।
अब यह भी पता चला है कि यजदान बिल्डर ने वर्ष 2011 से 2012 के बीच लविप्रा के कई इंजीनियरों और अफसरों को अपने अपार्टमेंट में फ्लैट भी दिए हैं। इन लोगों की बेनामी संपत्ति की जांच भी लविप्रा ने शुरू कर दी है। पुराना किला के पास लखनऊ मांटेसरी स्कूल के ठीक बगल में यजदान बिल्डर ने एकल यूनिट का नक्शा लविप्रा में 27 मार्च 2015 को जमा किया था।
यह नक्शा 25 जून 2015 को निरस्त हो गया। इसके बावजूद यजदान बिल्डर ने लविप्रा अफसरों की मिलीभगत से एक बड़ा अपार्टमेंट खड़ा कर दिया है। अब उस अपार्टमेंट में कई लोग रहने भी लगे हैं। पिछले साल ही लविप्रा ने बिल्डिंग को नोटिस भी जारी की थी। प्राग नारायण रोड स्थित नजूल की भूमि पर बने यजदान अपार्टमेंट की फाइल को लविप्रा के ही अधिकारी दबाए रहे। जब इसे तोड़ने की बारी आयी तो बिल्डर ने खाली फ्लैट में कुछ लोगों का सामान रख दिया।
इससे दावा किया जा सके कि यहां लोग रहने लगे हैं। हालांकि यह चाल काम न आयी और अपार्टमेंट को तोड़ना पड़ा। फहद और शायम याजदानी की कंपनी यजदान इंफ्राकान ने डालीबाग में तीन जगहों के नक्शे भी नियम विपरीत स्वीकृत करवाकर निर्माण किया है। अब इन तीनों संपत्तियों की भी जांच होगी।