कानपुर, : यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान शुरू हो चुका है, इसमें उन्नाव, फतेहपुर और बांदा जनपद भी शामिल है। इन जनपदों की प्रमुख सीटों पर दिग्गजों की साख दांव पर लगी है, वहीं कुछ खास चेहरे भी चुनावी मैदान में हैं। आइए, जानते हैं उन खास विधानसभा सीटों के बारे में…।
फतेहपुर की बिंदकी सीट : वर्ष 2017 में जहानाबाद से अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़कर कारागार राज्यमंत्री बनने वाले जय कुमार जैकी गठबंधन में सीटों की अदला-बदली के कारण बिंदकी से लड़ रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य और ब्लाक प्रमुख अमौली के पद पर रह चुके जैकी को कभी 2002 और 2007 में जहानाबाद में ही हार का सामना करना पड़ा था। तब वह भाजपा के टिकट पर लड़े थे। बिंदकी में उन्हें सपा से पिछली बार चुनाव लड़े रामेश्वर दयाल दयालू कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बसपा से सुशील पटेल व कांग्रेस से अभिमन्यु सिंह भी घेराबंदी कर रहे हैं।
फतेहपुर की हुसेनगंज सीट : इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक और राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप के सामने पिछले चुनाव का प्रदर्शन फिर दोहराने की चुनौती है। वह वर्ष 2002 में खागा सीट से निर्दलीय लड़े, लेकिन सफल नहीं हुए। 2007 में भाजपा के टिकट पर जीते। परिसीमन के बाद हुसेनगंज के नाम से बनी सीट से वर्ष 2012 चुनाव लड़े, लेकिन जीत हाथ न लगी। वर्ष 2017 मेें मोदी लहर ने उनका बेड़ा पार किया। इस बार उन्हें सपा से पूर्व राज्यमंत्री स्व. मुन्ना लाल मौर्य की पत्नी ऊषा मौर्य कड़ी टक्कर दे रही हैं, बसपा से फरीद अहमद व कांग्रेस के शिवाकांत तिवारी भी ताल ठोक रहे हैं।
फतेहपुर की जहानाबाद सीट : यहां से भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह पटेल का चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष में फंसा है। पटेल सबसे पहले बसपा से 1996 में चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। बसपा में बगावत के बाद वह भाजपा सरकार में राज्यमंत्री बने। वर्ष 2002, 2007, 2012 में भी चुनाव लड़े, लेकिन सफल नहीं हुए। इस बार सपा के मदनगोपाल वर्मा, बसपा से आदित्य पांडेय, कांग्रेस की कमला प्रजापति से मुकाबला है।
फतेहपुर की अयाह शाह सीट : इस विधानसभा क्षेत्र से खड़े सपा के राष्ट्रीय महासचिव विशंभर प्रसाद निषाद बांदा जिले की तिंदवारी सीट से चार बार विधायक रहे। बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। वर्ष 1996 में फतेहपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़कर संसद पहुंचे। इसके बाद सपा में शामिल हो गए और दूसरी बार राज्यसभा सदस्य हैं। यहां भाजपा से पूर्व मंत्री राधेश्याम गुप्त के पुत्र विधायक विकास गुप्त, बसपा के चंदन पाल, कांग्रेस से हेमलता पटेल चुनाव मैदान में है।
उन्नाव की भगवंतनगर सीट : यहां से वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित विधायक चुने गए थे। लेकिन, इस बार भाजपा ने आशुतोष शुक्ला पर भरोसा जताया है। आशुतोष भाजपा के सक्रिय नेता रहे हैं और अर्से से पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।
उन्नाव की पुरवा सीट : उन्नाव जनपद की यह सीट इसलिए खास है क्योंकि कांग्रेस ने मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी उरुसा इमरान राना पर दांव लगाया है। उरुसा पहले सदर सीट से दावेदारी कर रहीं थी लेकिन बाद में उन्हें पुरवा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह युवा चेहरा हैं और लखनऊ में कई आंदोलनों का हिस्सा भी बन चुकी हैं।
बांदा : इस जनपद में नरैनी सीट से बसपा सरकार में मंत्री रहे गयाचरण दिनकर चुनाव मैदान में है, जबकि सदर सीट से बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे स्व. विवेक सिंह की पत्नी मंजुला सिंह सपा से किस्मत आजमा रही हैं।