बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अमेरिका से कोविड टीके के कच्चे माल के आयात को लेकर केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। SII ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कोविड टीके के कच्चे माल के आयात पर आ रही मुश्किलों के बारे में बताया और मदद की अपील की है। वाणिज्य सचिव अनूप वधावन और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को पुणे स्थित SII में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने लिखे एक पत्र में कहा कि अमेरिकी सरकार ने रक्षा उत्पादन अधिनियम लागू किया है, जिसके कारण कंपनी को आवश्यक उत्पाद जैसे कच्चा माल, एकल उपयोग ट्यूबिंग असेंबली और विशेष रसायन अमेरिका से आयात करने में मुश्किलें हो रही हैं।
प्रकाश कुमार ने पत्र में कहा कि SII द्वारा निर्मित कोविशील्ड (Covishield) टीका भारत और दुनियाभर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है और लाखों लोगों को इसका टीका लगाया गया है। सिंह ने कहा कि सीरम संस्थान विभिन्न संस्थानों जैसे नोवावैक्स (अमेरिका), कोडेगेनिक्स (अमेरिका) आदि के साथ तकनीकी सहयोग से कई अन्य covid-19 टीके की परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिसके लिए वह कई आवश्यक उत्पादों जैसे कच्चे माल, सामग्री का विभिन्न विदेशी निर्माताओं, विशेष रूप से अमेरिका से आयात पर निर्भर है। उन्होंने पत्र में कहा कि रक्षा उत्पादन अधिनियम के माध्यम से अमेरिकी सरकार ने दो प्राथमिकता प्रणालियों, रक्षा प्राथमिकताओं और आवंटन प्रणाली कार्यक्रम (DPAS) और स्वास्थ्य संसाधन प्राथमिकता और आवंटन प्रणाली (HRPAS) की स्थापना की है।
एचआरपीएएस के दो प्रमुख घटक (प्राथमिकताएं और आवंटन) हैं। प्राथमिकता घटक के तहत टीके के उत्पादन के लिए आवश्यक औद्योगिक संसाधनों के उत्पादन या वितरण के लिए सरकारी और निजी इकाइयों के बीच या निजी पक्षों के बीच कुछ अनुबंधों को अन्य अनुबंधों पर प्राथमिकता दी जाएगी।” सिंह ने कहा इसका मतलब है कि अगर अमेरिकी निर्माताओं के आर्डर को उपरोक्त प्रणाली के तहत प्राथमिकता दी जाती है, तो उन्हें अन्य देशों के निर्माताओं के आर्डर पर वरीयता मिलेगी। सिंह ने 6 मार्च को लिखे पत्र में कहा कि पूरी दुनिया महामारी को खत्म करने के लिए एक निर्बाध गति से बड़े पैमाने पर covid-19 टीके के निर्माण पर निर्भर है। ”लेकिन अगर हमें अमेरिका से इन आवश्यक उत्पादों की समय पर आपूर्ति नहीं मिली तो यह एक गंभीर सीमित कारक होने वाला है, जिसके परिणामस्वरूप covid-19 टीकों की तीव्र कमी होगी क्योंकि इनका निर्माण इन कच्चे माल, सामग्रियों और घटकों आदि की निर्बाध आपूर्ति पर निर्भर करता है।