देहरादूनः उत्तराखंड के चमोली जिले में इस महीने के शुरू में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है. इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं जिला जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों को एक परिपत्र जारी कर सात फरवरी को भीषण दैवीय आपदा में लापता व्यक्तियों हेतु मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी दी गई है और उनसे इसका तत्काल पालन करने को कहा गया है.
जिनके शव प्राप्त हुए उनके लिए सामान्य रहेगी प्रक्रिया
सर्कुलर में कहा गया है कि साधारणतया मृत्यु का पंजीकरण संबंधित व्यक्तियों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर किया जाता है लेकिन उत्तराखंड में हुई असाधारण घटना जैसी अपवादस्वरूप परिस्थितियों में जांच के बाद किसी लोकसेवक की आख्या पर भी मृत्यु पंजीकरण किया जा सकता है. जिन लोगों के शव प्राप्त हो गए हैं, उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी लेकिन जिन लापता लोगों के शव नहीं मिले हैं, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तराखंड में आई उक्त दैवीय आपदा में ही उनकी मृत्यु होने की पूरी आशंका है.
लापता लोगों को तीन श्रेणियों में बांटा गया
मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आपदा में लापता व्यक्तियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी में उन लापता लोगों को रखा गया है जो आपदा प्रभावित स्थानों के स्थाई निवासी थे या उन निकटवर्ती स्थानों के स्थाई निवासी थे जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में निवासरत थे. दूसरी श्रेणी में वे लापता लोग हैं जो उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी थे लेकिन आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में मौजूद थे.