वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की बढ़ती संख्या से बढ़ रही आमदनी लोक कल्याण की राह प्रशस्त करने लगी है। बाबा का प्रसाद भोजन के रूप में बेसहारा, जरूरतमंदों तक पहुंचाने की दिशा में काम शुरू हो चुका हैं।
वहीं संस्कृत के संरक्षण व प्रसार के लिए संस्कृत विद्यालयों में अध्ययरत बच्चों तक भोजन पहुंचाने की रूपरेखा भी खींच ली गई है। अगस्त से संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत ढाई हजार से अधिक विद्यार्थियों को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर अन्न क्षेत्र से दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
मंदिर न्यास द्वारा तीर्थयात्रियों, अस्पतालों में भर्ती रोगियों व उनके तीमरदारों के साथ संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए अन्न सेवा वितरण में प्रयोग की जानी हैं। छात्रों को खिचड़ी, छोले-चावल व पूड़ी-सब्जी आदि मिलेंगे।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास जिले के 59 संस्कृत विद्यालयों के 12वीं तक के छात्रों को निश्शुल्क पुस्तकें, ड्रेस व एक वाद्ययंत्र भी उपलब्ध करा रहा है। शिक्षकों को भी एक-एक सेट पुस्तकें दो गई थीं।
तिरुपति बालाजी और उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद की अलग रेसिपी तैयार करने को लेकर न्यास की बैठक में पहले ही सहमति बन चुकी है।