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Vijayalakshmi Murder: जिसे अपने बच्‍चों की तरह प्‍यार दिया, वही निकली कातिल; प्रेमी संग उतारा मौत के घाट


किच्छा । Vijayalakshmi Murder: जिस अंजली को विजयलक्ष्मी ने अपनी बेटी की तरह प्यार दिया दुलार दिया उसके लिए कपड़े तक सिलवाए। इतना ही नहीं अपने भांजे की शादी में लखनऊ भी साथ लेकर गई। वहीं अंजली मां जैसी विजयलक्ष्मी की हत्या कर देगी ऐसा शायद स्वप्न में भी विजयलक्ष्मी तो दूर परिवार के किसी व्यक्ति ने नहीं सोचा होगा। परंतु अंजली ने जायसवाल परिवार के विश्वास पर ऐसा घात किया कि परिवार के इस विश्वास पर अब शायद ही मरहम लग सके।

29 जून को जब विजयलक्ष्मी का शव मिला तो परिवार के लोगों को विजयलक्ष्मी की मृत्यु हजम नहीं हो रही थी। पहला शक तो अपनी जान से अधिक प्यारी उनके गले की चार तोले की सोने की चेन, जिसे वह कभी अपने से अलग नहीं करती थी उसका गायब होना। परिवार की नहीं आस पड़ोस के लोगों की नजर में वह एक इत्तेफाक नहीं हो सकता था। उसके बाद अंतिम संस्कार से पूर्व जब चेहरे की रंगत बिगड़ी तो परिवार का शक और भी गहरा गया। परंतु शिवम व अंजली ने इस शातिरपन के साथ विजयलक्ष्मी की हत्या को अंजाम दिया कि पुलिस का अनुभव भी फेल हो गया।

जब सोने के जेवर गायब होने की बात सामने आई तो पुलिस चोरी का केस दर्ज करने पर सहमत हुई। परंतु परिवार को मात्र चोरी हजम नहीं हो रही थी। भाजपा नेता धर्मराज जायसवाल ने अंजली शर्मा से स्वयं भी पूछा तो वह लगातार गुमराह करती रही। परिवार की लगातार जिद पर पुलिस ने जब आस पास लगे सीसीटीवी खंगाले तो देर रात अंजली जब एक युवक के साथ पीछे के दरवाजे से जाती दिखाई दी तो सब कुछ साफ हो गया कि विजयलक्ष्मी की मृत्यु के पीछे अंजली का ही हाथ है। जिस पर पुलिस ने अंजली से कढ़ाई से पूछताछ शुरु की तो सच सामने आता चला गया। सीसीटीवी की नजर से अंजली बच जाती तो विजयलक्ष्मी की मृत्यु का राज तो बस राज ही बन कर रह जाता।

मकान निर्माण पर हुआ कर्ज तो बना ली थी चाेरी की योजना

अंजली शर्मा पर ही उसके घर की जिम्मेदारी थी। वह उत्तराखंड की सीमा पर आने वाले वाहनों के लिए बहती बनाने का काम करती थी। उसका पंत कालोनी में घर बन रहा था, जिसके चलते काफी कर्जा हो गया था। लोग उस पर पैसा देने का दबाव बना रहे थे। जिस पर उसने विजयलक्ष्मी को निशाना बनाने की योजना तैयार कर ली थी। उसने अपने प्रेमी शिवम को इस कार्य में साथ ले लिया था। शिवम का ननिहाल किच्छा में होने के कारण उससे मुलाकात हो गई थी। शिवम के साथ अंजली ने विजयलक्ष्मी के अकेले होने का लाभ उठा चोरी की योजना तैयार कर ली थी।

पुलिस को अंजली का मुंह खुलवाने के लिए करने पड़े कई यत्न

अंजली आसानी से विजयलक्ष्मी की हत्या स्वीकारने को तैयार नहीं थी। पुलिस को उसका मुंह खुलवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कढ़ाई से पूछताछ के बाद ही पुलिस के सामने विजयलक्ष्मी की हत्या का सच आ पाया।

छत पर बैठ विजयलक्ष्मी के सोने का इंतजार करता रहा शिवम

अंजली ने पहले रात में विजयलक्ष्मी को खाना बना कर खिलाया। वह से नींद की गोली खिलाना चाहती थी, परंतु कामयाब नहीं हो पाई तो वह उसके सोने का इंतजार करती रही। इस दौरान अंजली ने पीछे के दरवाजे से शिवम को घर के अंदर बुला लिया था और वह छत पर जाकर विजयलक्ष्मी के सोने का इंतजार करता रहा। इस दौरान अंजली से उसकी चैटिंग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से चलती रही।

विजयलक्ष्मी के सो जाने पर जब शिवम को बुला कर वह विजयलक्ष्मी के गले में पड़ी सोने की चेन काटने लगा तो विजयलक्ष्मी की नींद खुल गई। जिस के चलते अपनी पोल खुलती देख कर दोनों ने मिल कर विजयलक्ष्मी की हत्या कर दी।

वर्षों से था अंजली की मां का विजयलक्ष्मी के घर आना जाना

जब अंजली पैदा भी नहीं हुई होगी उस समय से अंजली की मां का विजयलक्ष्मी के घर आना जाना था। उसके बाद अंजली के परिवार वाले पंजाब चले गए थे। अंजली पंजाब में ही पैदा हुई थी। उसके बाद, 2014 में अंजली का परिवार वापस आ गया था। उसके बाद से ही अंजली का अपनी मां के साथ विजयलक्ष्मी के घर आना जाना था।

भाजपा नेताओं ने जताया एसएसपी का आभार

विजयलक्ष्मी हत्याकांड के पर्दाफाश पर भाजपा नेताओं ने एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी से मुलाकात कर आभार व्यक्त किया। कहा विजयलक्ष्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु का राज सामने आना जरुरी थी। उनके निर्देश पर पुलिस ने कार्रवाई की। इस दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता धर्म राज जायसवाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना, पूर्व सभासद देवेंद्र शर्मा, चंदन जायसवाल, उदय जायसवाल, आशीष तिवारी, दर्शन कुमार उपस्थित थे।