- नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में मौसम एक बार फिर करवट बदलने लगा है. मौसम परिस्थितियों में हो रहे बदलाव और हिंद महासागर (Indian Ocean) में दो मौसमी परिस्थितियों के सक्रिय होने का असर दिल्ली ही नहीं बल्कि उत्तर भारत (North India) और मध्य भारत (Central India) के राज्यों में देखने को मिल रहा है. आमतौर पर जुलाई-अगस्त में होने वाली भारी बारिश सितंबर माह में खूब देखने को मिल रही है. इन मौसमी परिस्थितियों के बनने से अगले 10 दिनों तक दिल्ली और उत्तर भारत के राज्यों में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि बृहस्पतिवार से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) का मौसम एक बार फिर करवट बदलेगा. सुबह से ही बादल छाए रह सकते हैं और दोपहर तक तेज बारिश होने की प्रबल संभावना बनी हुई है. दिनभर बारिश होने के चलते सूरज की बादलों में लुकाछुपी भी हो सकती है. इससे अधिकतम तापमान 33 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि शुक्रवार को दिल्ली में तेज बारिश (Rain) हो सकती है. मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों तक यलो अलर्ट भी जारी किया है.
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र (India Meteorological Department) के वैज्ञानिक मानते हैं कि अभी 10 दिनों तक बारिश की संभावना बनी हुई है. मौसमी परिस्थितियों में लगातार बदलाव की वजह से 16 सितंबर से दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में बारिश की उम्मीद बनी हुई है.
इस बीच देखा जाए तो बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य के बराबर 33.7 व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक अधिक 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. विभाग ने बुधवार के लिए शाम तक बारिश होने की उम्मीद जताई थी, लेकिन इसके विपरीत दिनभर जहां गर्मी से परेशान करती धूप से लोगों की हालात खराब रही. लोगों को शाम के समय भी उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिली. बीते 24 घंटों में हवा में नमी का स्तर 68 से 97 फीसदी तक दर्ज किया.
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय हिंद महासागर में दो मौसमी परिस्थितियां सक्रिय हैं. इनको हिंद महासागर द्विध्रुव (इंडियन ओशन डाइपॉल) व मैडेन जूलियन ऑसीलेशन (एमजेओ) नाम से जाना जाता है. इनकी वजह से ही दिल्ली समेत उत्तर भारत की मानसूनी बारिश प्रभावित हो रही हैं. इससे समूचे उत्तर भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो रही है. आने वाले दिनों में भी इसलिये इसका सिलसिला जारी रहेगा. मौसम विज्ञानियों का अनुमान यह कि पिछले सालों की तुलना में इस बार नया रिकॉर्ड भी स्थापित हो सकता है.