नई दिल्ली, । वर्ष 2021 को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में जिन कारणों से जाना जाएगा उनमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में केंद्र व राज्य सरकारों की कवायद, महामारी के चलते विद्यालयी और उच्च शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर बिना परीक्षा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षाफल घोषित होने, हर बार से अलग पैटर्न पर बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन, नये शैक्षणिक सत्र शुरू होने में देरी, बार-बार स्थगित होती रही भर्ती परीक्षाओं और लंबित होते रहे परिणाम शामिल हैं। इनके अतिरिक्त, साल 2021 को एक अन्य कारण से भी याद किया जाएगा, जब देश में केद्रीय और राज्य स्तरों पर आयोजित की गयी विभिन्न प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितता के मामले सामने आए। इन सभी मामलों में उम्मीदवारों की कुल संख्या का आकलन करें तो 1 करोड़ से अधिक उम्मीदवार इन परीक्षाओं के लिए पंजीकृत थे, जो कि नकल माफियाओं की दखलंदाजी के चलते प्रभावित हुए। ये उम्मीदवार परीक्षाओं की पारदर्शिता एवं इन्हें आयोजित करने वाले केंद्रीय व राज्य परीक्षा नियामकों द्वारा की गयी तैयारियों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठाते रहे।
बात करें देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक नीट की, तो वर्ष 2021 की इस मेडिकल एवं डेंटल यूजी प्रवेश परीक्षा का आयोजन महामारी के चलते स्थगित होते रहने के बाद राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा 12 सितंबर 2021 को किया गया। नीट यूजी 2021 परीक्षा में 15 लाख से अधिक उम्मीदवार सम्मिलित हुए थे। हालांकि, परीक्षा के दिन राजस्थान के सीकर, महाराष्ट्र के नागपुर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी, बिहार के पटना, त्रिपुरा के धुलाई में नकल माफियाओं द्वारा किसी दूसरे कैंडीडेट के जरिए सॉल्व कराने के मामले सामने आए थे। बाद में, इन मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की गयी और चार्जशीट दाखिल की गयी।