मुंबई। महाराष्ट्र में बढ़ते जीका वायरस के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की है। साथ ही राज्यों से गर्भवती महिलाओं में वायरस की जांच के जरिए निरंतर निगरानी बनाए रखने का आग्रह किया।
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की जांच करके और जीका के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करके निरंतर निगरानी बनाए रखें।
स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय की एडवाइजरी में क्या?
- जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं को लेकर राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को नजदीकी निगरानी के लिए सचेत करें।
- राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों को संभालने वाले लोगों को निर्देश दें।
- जीका वायरस के संक्रमण के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें।
- जीका के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें।
- एडवाइजरी में राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे समुदाय के बीच भय को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती आईईसी संदेशों के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें।
क्या है जीका वायरस?
जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है। हालांकि, जीका से प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) होता है, जो एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
भारत में 2016 में गुजरात से पहला जीका मामला सामने आया था। तब से, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं।