लखनऊ, : उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक स्थिति रिपोर्ट दायर की और शीर्ष अदालत को अवगत कराया कि पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय चल रहे हैं और बड़े अपराधियों को आसानी से भागने से रोकने के लिए हथकड़ी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि उसका पुलिस विभाग व्यापक आधुनिकीकरण प्रक्रिया से गुजर चुका है। इसमें मध्यम आकार की जेल वैन, ड्रोन, शरीर पर पहने जाने वाले कैमरे, पोस्टमार्टम किट, महिलाओं के लिए पूर्ण शरीर रक्षक, रेडियो उपकरण, सुरक्षा उपकरण, एटीएस से संबंधित उपकरण और विभिन्न वाहनों का अधिग्रहण शामिल है।
यूपी सरकार ने दायर की रिपोर्ट
ये अधिग्रहण भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों द्वारा अनुमोदित अनुदान के माध्यम से संभव हुए हैं। पुलिस मौजूदगी के बीच अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग करने वाले वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश द्वारा स्थिति रिपोर्ट दायर की गई है।
राज्य ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि संबंधित मामले के संबंध में आरोप पत्र दायर किया गया है। राज्य सरकार ने गवाह सुरक्षा योजना का पालन करने के निर्देश दिए हैं। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि राज्य जांच आयोग की रिपोर्ट में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान की सिफारिशों को अक्षरश: लागू करने के लिए सभी कदम उठा रहा है। वह सुरक्षा चूक की भी जांच कर रही है।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक की हत्या
संबंधित एसीपीएस की प्रथम दृष्टया रिपोर्ट के आधार पर घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों में से चार और पीएस शाहगंज के एसएचओ को अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू होने तक निलंबित कर दिया है।
राज्य सरकार ने कहा कि वह 15 अप्रैल को अतीक अहमद व उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की मौत की गहन, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यूपी सरकार ने ऐसी घटनाएं रोकने के लिए मीडिया, पुलिस अधिकारियों, चिकित्सा विशेषज्ञों से सुझाव भी मांगे हैं।